बलिया में प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई ने गरीब पटरी दुकानदारों की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया है। ओवरब्रिज के नीचे धरने पर बैठे इन दुकानदारों के लिए एक नया संकट पैदा हुआ, जब उनके साथ एक नाबालिग बच्चे की तबियत अचानक बिगड़ गई। बच्चा अपनी पढ़ाई और भविष्य को लेकर चिंतित था, क्योंकि बुलडोजर ने उसकी किताबें भी जब्त कर ली थीं। इसके साथ ही उसने देखा कि उसके पिता कई दिनों से भूखे हैं, जिससे उसने भी खाना छोड़ दिया और पेट में दर्द की शिकायत के बाद वह बेहोश हो गया। 108 एम्बुलेंस ने उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन प्रशासन की लापरवाही पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। क्या प्रशासन कभी इन गरीबों की स्थिति पर ध्यान देगा या उनकी आवाज़ हमेशा यूं ही दब जाएगी?
बलिया में इस समय सर्दी और बुलडोजर की तवाही दोनों मिलकर गरीब पटरी दुकानदारों की जिंदगी के लिए बेहद कठिन बना चुकी हैं। प्रशासन द्वारा हाल ही में चलाए गए बुलडोजर अभियान ने जहां दुकानदारों की रोजी-रोटी पर चोट की है, वहीं उनके परिवारों की मुश्किलें भी बढ़ा दी हैं।
पिछले 11 दिनों से ओवरब्रिज के नीचे धरने पर बैठे पटरी दुकानदारों का संघर्ष अब एक नई मोड़ पर पहुंच गया है। इन दुकानदारों के छोटे-छोटे बच्चे भी अपनी शिक्षा और भविष्य को लेकर चिंतित हैं। लेकिन सरकारी उपेक्षा और बेरहम बुलडोजर की कार्रवाई ने इन गरीबों के सपनों को तोड़कर रख दिया है। धरने पर बैठे एक नाबालिग बच्चे की तबियत अचानक खराब हो गई। बच्चा बेहद मायूस था, क्योंकि बुलडोजर ने उसकी किताबें भी जब्त कर ली थीं, जिसके कारण वह स्कूल नहीं जा पा रहा था। उसकी हालत और भी बिगड़ी जब उसने देखा कि उसके पिता कई दिनों से भूखे-प्यासे बैठे हैं। बच्चे ने खुद भी खाना छोड़ दिया था, जिसके कारण उसके पेट में तेज दर्द हुआ और वह बेहोश हो गया।
घटना के बाद 108 एम्बुलेंस ने बच्चे को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर उसकी देखभाल कर रहे हैं। इस बीच प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों की घोर उपेक्षा और बेरुखी ने इस समस्या को और भी गंभीर बना दिया है। हुक्मरान अपनी व्यस्तताओं में इतने डूबे हुए हैं कि उनके पास इन गरीबों की हालत जानने की फुर्सत तक नहीं है।
बलिया में चल रहे इस संघर्ष ने प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर किया है। गरीबों की आवाज अब बुलडोजर की गरज में दब गई है, और इन बेबस लोगों के भविष्य पर एक और काला धब्बा लग गया है। क्या कभी प्रशासन इन लोगों की पीड़ा को समझेगा, या फिर इनकी आवाज को इसी तरह अनसुना किया जाएगा?
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