रामपुर जिले में एक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पाकिस्तानी महिला ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक की नौकरी हासिल की और नौ साल तक लाखों रुपये का वेतन लेती रही। लेकिन अब जब उसकी सच्चाई सामने आई है, तो एक बड़ा सवाल उठता है – क्या इस तरह की धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा सिर्फ शुरुआत थी?
फर्जी नागरिकता प्रमाणपत्र के खेल का पर्दाफाश!
रामपुर शहर के बजरोही टोला की निवासी शुमायला खान, जिनका असली नाम शायद किसी को भी नहीं पता था, ने 2015 में बरेली के फतेहगंज पश्चिमी में एक सरकारी विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी हासिल की। लेकिन अब जब विभागीय अधिकारियों ने उसके दस्तावेजों की जांच की, तो एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई – शुमायला खान दरअसल पाकिस्तानी नागरिक है और उसने फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर भारतीय नागरिक होने का प्रमाण पत्र बनवाया था!
क्या था शुमायला का असली इरादा?
नौ साल तक शिक्षिका का कर्तव्य निभाने के बाद जब उसकी नागरिकता की जांच शुरू हुई, तो मामला और गंभीर हो गया। एसडीएम रामपुर द्वारा जांच में यह स्पष्ट हुआ कि शुमायला का सामान्य निवास प्रमाणपत्र झूठा था। इस दस्तावेज़ को तैयार करने में महत्वपूर्ण जानकारियाँ छिपाई गई थीं, और यह स्पष्ट हो गया कि शुमायला वास्तव में पाकिस्तान की नागरिक थी।
क्या होगा अब शुमायला का भविष्य?
तब से अब तक कई बार विभागीय अधिकारियों ने उससे स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन वह प्रमाणपत्र की सत्यता साबित नहीं कर पाई। आखिरकार, 3 अक्टूबर 2024 को बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) ने शुमायला को निलंबित कर दिया। अब बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) भानु शंकर गंगवार के निर्देश पर फतेहगंज पश्चिमी थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और शुमायला की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
क्या यह सिर्फ एक व्यक्तिगत धोखाधड़ी थी?
शुमायला ने यह धोखाधड़ी 2015 में की थी और अब तक वह लाखों रुपये का वेतन प्राप्त कर चुकी थी। सवाल यह है कि इतने वर्षों तक कैसे यह धोखाधड़ी छुपी रही? क्या इस मामले के और भी कनेक्शन हो सकते हैं? क्या यह अकेला उदाहरण है, या फिर इस तरह के कई और मामलों की छानबीन की जरूरत है?
किसी भी मामले की जांच हो या प्रशासन का काम, इस घटना ने यह सवाल जरूर खड़ा किया है कि हमारे सिस्टम में इस तरह के फर्जीवाड़े कितने गहरे तक जा सकते हैं। अब फतेहगंज पश्चिमी थाना पुलिस और विभागीय अधिकारी पूरी तरह से मामले की जांच में जुटे हुए हैं, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
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