यूपी का पहला ई-म्यूजियम आगरा के तीर्थनगरी सोरों में बनेगा, जो जिले की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को डिजिटल रूप में पेश करेगा। यह ई-म्यूजियम वैश्विक दर्शकों को प्राचीन मूर्तियों, कलाकृतियों और ऐतिहासिक दस्तावेजों से परिचित कराएगा।
आगरा और उसके आसपास के क्षेत्र के लिए एक अहम खबर सामने आई है। यूपी का पहला ई-म्यूजियम अब तीर्थनगरी सोरों में बनने जा रहा है, जो दुनिया भर के लोगों को इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर से परिचित कराएगा।
जिला प्रशासन ने इस ई-म्यूजियम की तैयारी शुरू कर दी है, जो क्षेत्र की प्राचीन धरोहर को डिजिटल रूप में संरक्षित करेगा। सोरों का ऐतिहासिक महत्व है, क्योंकि यहां भगवान वराह का प्राकट्य हुआ था और संत तुलसीदास का जन्म भी यहीं हुआ था। तुलसीदास से जुड़ी उनकी पाठशाला, भवन, उनकी पत्नी रत्नावली और अन्य महत्वपूर्ण धरोहर सोरों में आज भी मौजूद हैं।
सिर्फ सोरों ही नहीं, बल्कि पटियाली तहसील क्षेत्र में महाभारत काल की प्राचीन धरोहर भी मौजूद है। यहां राजा द्रुपद के किले के अवशेष और महाभारतकालीन मूर्तियां भी पाई गई हैं, जो इस क्षेत्र की ऐतिहासिक गाथाओं की गवाह हैं। बिलराम क्षेत्र के गांव जखेरा में लोह और ताम्रकालीन पुरातात्विक वस्तुएं भी मिली हैं, जो यहां प्राचीन मानव बस्तियों के संकेत देती हैं।
इस ई-म्यूजियम में जिले की सभी महत्वपूर्ण मूर्तियों, कलाकृतियों और दस्तावेजों को डिजिटल रूप में 3D छवियों के रूप में संरक्षित किया जाएगा। ये डिजिटल सामग्री जिले की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी, ताकि दुनिया भर के लोग इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को आसानी से देख सकें और जान सकें।
जिला मजिस्ट्रेट मेधा रूपम ने इस संबंध में जिला के ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत, एएमयू के पुरातत्वविद् प्रो. एमके पुंढीर और जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के सदस्य इस ई-म्यूजियम के निर्माण की जिम्मेदारी संभालेंगे।
इसके साथ ही, विकास भवन कार्यालय के सामने तीन एकड़ भूमि पर एक भौतिक म्यूजियम स्थापित करने की योजना भी सरकार के पास लंबित है। भूमि चिह्नीकरण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब जिला प्रशासन शासन से स्वीकृति का इंतजार कर रहा है।
डीएम मेधा रूपम का कहना है कि इस ई-म्यूजियम के माध्यम से जिले की प्राचीन धरोहर और ऐतिहासिक स्थलों के बारे में लोगों को जानकारी मिल सकेगी। यह यूपी का पहला ई-म्यूजियम होगा, जो दुनिया भर के लोगों को इस क्षेत्र की पुरानी और ऐतिहासिक धरोहर से रूबरू कराएगा।
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