उत्तर प्रदेश के युवा अब केवल सरकारी या प्राइवेट नौकरी के पीछे नहीं भाग रहे, बल्कि खुद उद्यमी बनकर दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं। यह बदलाव लाया है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक खास योजना ने — मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान।
24 जनवरी 2025 को यूपी दिवस पर शुरू हुए इस अभियान ने महज़ 67 दिनों में ही 2 लाख से ज्यादा युवाओं को आकर्षित किया। सोचिए, हर दिन ढाई हज़ार से भी अधिक आवेदन स्वरोजगार के लिए आए। इससे साबित होता है कि यूपी के युवा अब 'जॉब सीकर' नहीं बल्कि 'जॉब क्रिएटर' बनना चाहते हैं।
आंकड़े जो तस्वीर खुद बयां करते हैं:
कुल 2,07,158 आवेदन युवाओं ने किए
इनमें से 1,66,522 आवेदन बैंकों को भेजे गए
44,521 आवेदनों को बैंकों ने मंजूरी दी
30,595 युवाओं को लोन मिला, जिससे वे खुद का कारोबार शुरू कर सके
अब तक ₹1200 करोड़ से अधिक का लोन वितरण हो चुका है
अधिकारियों की क्या राय है?
एमएसएमई विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार का कहना है कि ये सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। योजना को सफल बनाने के लिए सरकार बैंकों से लगातार संपर्क में है ताकि युवाओं की फाइलें अटकी न रहें और उन्हें समय पर मदद मिल सके। साथ ही सरकार प्रशिक्षण, मार्केटिंग और मार्गदर्शन जैसी सुविधाएं भी मुफ्त में दे रही है।
योजना को मिले ताजा नतीजे:
सिर्फ मार्च 2024 से मार्च 2025 के बीच ही:
1,78,662 आवेदन मिले
1,44,273 आवेदन बैंकों को भेजे गए
28,471 युवाओं को लोन मिला
₹113 करोड़ की मार्जिन मनी दी गई
अभी अप्रैल 2025 के शुरुआती 22 दिन ही हुए हैं और इस दौरान भी 28,496 आवेदन, 22,249 बैंक को भेजे गए, 4,029 मंजूर हुए, और 2,124 को लोन मिला, जिसकी कुल राशि 9 करोड़ रुपये से अधिक है।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान ने न सिर्फ युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि प्रदेश को एक नया विज़न भी दिया है — जहाँ हर युवा सिर्फ अपने सपने नहीं जी रहा, बल्कि दूसरों के लिए भी अवसर बना रहा है।
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