प्रयागराज का महाकुंभ, जो विश्वभर में आस्था और धर्म का प्रतीक बनेगा, 22 जनवरी को एक ऐतिहासिक दिन का साक्षी बनेगा। उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक त्रिवेणी संगम के पास आयोजित होगी, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सभी 54 मंत्री प्रदेश की महत्वपूर्ण योजनाओं और प्रस्तावों पर चर्चा करेंगे और उन्हें मंजूरी देंगे।
बैठक के बाद, सीएम योगी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य अरैल वीआईपी घाट से मोटर बोट के जरिए संगम की पवित्र धारा में स्नान करने जाएंगे। यहां वे विधिवत पूजा अर्चना करेंगे और संगम तट पर स्थित जेटी से त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाएंगे। यह दृश्य यूपी की धार्मिक आस्था और सरकार की समर्पण भावना को प्रमुख रूप से दर्शाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2019 के कुंभ मेले में भी अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ संगम में डुबकी लगाई थी। उस समय उनके साथ अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि और कई संत महात्मा भी थे।
इस ऐतिहासिक बैठक का आयोजन अरैल में किया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। पहले इसे मेला प्राधिकरण के सभागार में आयोजित किया जाना था, लेकिन सुरक्षा और व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए अरैल का चयन किया गया।
महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता ने न केवल यूपी बल्कि पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया है। मकर संक्रांति के दिन 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी और अब मौनी अमावस्या 29 जनवरी को यहाँ भीड़ का आंकड़ा 8 से 10 करोड़ तक पहुँचने की संभावना है।
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