"नोएडा स्टेडियम में आयोजित 14वें महाकौथिग मेले के दूसरे दिन प्रवासी उत्तराखंडियों ने अपनी सांस्कृतिक धरोहर की अद्भुत झलक पेश की। लोक नृत्य प्रतियोगिता और प्रसिद्ध लोक गायकों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।"
रविवार का दिन नोएडा स्टेडियम में चल रहे 14वें महाकौथिग मेले के लिए खास बन गया। जहां छुट्टी के इस दिन परिवारों की भारी भीड़ उमड़ी, वहीं उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत ने स्टेडियम को मानो अपने रंग में रंग दिया। मेले के दूसरे दिन की शुरुआत सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ के रिटायर मेजर जनरल गोपाल के. थपलियाल ने दीप प्रज्वलित कर की। उन्होंने मेले की भव्यता और महाकौथिग टीम के अथक प्रयासों की सराहना की।
लोक नृत्य प्रतियोगिता का आकर्षण
दिन के खास आकर्षण में 28 महिला मंडलियों द्वारा प्रस्तुत लोक नृत्य प्रतियोगिता ने दर्शकों को अपने मोहपाश में बांध लिया। ये महिलाएं दिल्ली-एनसीआर में रहने वाली प्रवासी उत्तराखंडी थीं, जिन्होंने अपनी जड़ों से जुड़ी संस्कृति को मंच पर जीवंत कर दिया। प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में उत्तराखंड की जानी-मानी गायिका कल्पना चौहान, मुकेश बिष्ट और पूजा आर्य ने नृत्य प्रस्तुतियों का आकलन किया।
विजेताओं की शानदार जीत
वेस्ट विनोद नगर दिल्ली की तांदी ग्रुप ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से प्रथम स्थान हासिल कर महफिल लूट ली। भगवती आर्ट ग्रुप को दूसरा स्थान मिला, जबकि पूर्वांचल ग्रुप ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इन सभी ग्रुप्स की प्रस्तुतियों ने दर्शकों का दिल जीत लिया और जजों को प्रभावित कर दिया।
संगीत की शाम का रोमांच
मेले का रोमांच शाम होते ही और बढ़ गया, जब उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक रोहित चौहान, दीपा पंत की सुमधुर आवाज और कैलाश कुमार के लोक गीतों ने मंच संभाला। उनके गीतों ने श्रोताओं को न केवल झूमने पर मजबूर किया, बल्कि उत्तराखंडी लोक संगीत की गहरी छाप भी छोड़ी। महाकौथिग मेले का यह दिन प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए एक ऐसा अनुभव बन गया, जिसने उनकी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़े रखा और उन्हें गर्व से भर दिया।
COMMENTS