संभल हिंसा में मारे गए युवकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, मृतकों के शरीर में 315 बोर की गोली मिली, जबकि पुलिस ने गोली नहीं चलाई थी। उपद्रवियों की फायरिंग से तीन की मौत हुई, जबकि दो अन्य की मौत का कारण अभी पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने 25 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया।
संभल में हुई हिंसा में मारे गए युवकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने कई चौंकाने वाले तथ्यों को उजागर किया है। रिपोर्ट के अनुसार, तीन मृतकों में से दो के शरीर में गोली के निशान मिले, जबकि तीसरे मृतक के शरीर में 315 बोर की गोली पाई गई। पुलिस का कहना है कि हिंसा के दौरान पुलिस ने कोई गोलीबारी नहीं की थी। सभी मौतें उपद्रवियों द्वारा की गई फायरिंग में हुईं।
घटना का विवरण
संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि पुलिस ने हिंसा को नियंत्रित करने के लिए पहले आंसू गैस के गोले छोड़े और जब स्थिति नहीं सुधरी तो रबर बुलेट का इस्तेमाल किया। इसके बावजूद उपद्रवियों ने पुलिस पर देशी हथियारों से फायरिंग की। पुलिस की फायरिंग से किसी की मौत नहीं हुई, लेकिन उपद्रवियों द्वारा की गई गोलीबारी में तीन युवकों की जान चली गई।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह भी सामने आया है कि दो युवकों के शरीर में गोली के निशान थे, जिनकी गोली उनके शरीर से पार हो गई। तीसरे मृतक के शरीर में 315 बोर की गोली मिली, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उपद्रवियों ने अत्यधिक ताकत से फायरिंग की थी। एसपी बिश्नोई ने यह भी बताया कि मृतकों में से दो की मौत गोली लगने से हुई है, जबकि तीसरे की मौत का कारण अभी तक साफ नहीं हो पाया है।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
एसपी बिश्नोई ने यह भी जानकारी दी कि पुलिस ने हिंसा के दौरान उपद्रवियों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है। अब तक 25 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है और उन पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
कमिश्नर का बयान
संभल कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि शहर में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और शांति कायम की जा चुकी है। हिंसा के दौरान कुछ लोग मस्जिद पर पथराव करने की कोशिश कर रहे थे, जिनकी पहचान सीसीटीवी फुटेज से की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंसा में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना के जिम्मेदार लोगों पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) तक लगाया जाएगा।

हिंसा की पृष्ठभूमि
यह हिंसा तब शुरू हुई जब जामा मस्जिद के सर्वे के लिए अदालत द्वारा नियुक्त कमिश्नर की टीम पहुंची। मस्जिद को हरिहर मंदिर बताने के कारण विवाद उत्पन्न हुआ और एक बड़ी भीड़ जमा हो गई। पुलिस ने जब भीड़ को रोकने की कोशिश की, तो पथराव और गोलीबारी शुरू हो गई। इसके बाद, पुलिस ने आंसू गैस और रबर बुलेट का इस्तेमाल किया, लेकिन बवाल बढ़ता चला गया। इस हिंसा के परिणामस्वरूप पांच लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए।
परिजनों का आरोप
हिंसा में मारे गए युवकों के परिजनों ने आरोप लगाया कि उनके रिश्तेदारों की मौत पुलिस की गोलीबारी से हुई है। एक मृतक के छोटे भाई ने कहा कि पुलिस ने उनके भाई को गोली मारी, जबकि अन्य परिजनों ने भी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले में पुलिस ने अपनी सफाई दी है और बताया कि मृतकों की मौत उपद्रवियों द्वारा की गई फायरिंग के कारण हुई है।
स्थिति अब नियंत्रण में
कमिश्नर ने कहा कि अब शहर में शांति बनी हुई है, लेकिन हिंसा की घटनाओं की जांच जारी है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे, और पुलिस को पूरी तरह से अलर्ट किया गया है।
संभल हिंसा के इस पूरे घटनाक्रम ने पूरे जिले में तनाव का माहौल बना दिया था, लेकिन अब प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लेकर शांति स्थापित कर दी है।
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