उत्तर प्रदेश अब सिर्फ़ आबादी में नहीं, बल्कि उद्योग और निवेश में भी नंबर वन बनने की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। यह सब मुमकिन हो पाया है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख़्त कानून व्यवस्था और निवेशकों के लिए बनाई गई अनुकूल नीतियों के चलते।
बाराबंकी ज़िले के राम सनेही घाट औद्योगिक क्षेत्र में देश की कई नामी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। यहां बड़े स्तर पर निवेश हो रहा है, जिससे लाखों युवाओं के लिए रोज़गार के रास्ते खुल रहे हैं।
कौन-कौन से उद्योग आ रहे हैं यूपी में?
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हैंडलूम, बॉटलिंग, एग्री बिज़नेस, सीमेंट, टेलीकॉम और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों की बड़ी कंपनियां अब यूपी में अपने प्रोजेक्ट लगाने जा रही हैं।
गणपति एग्री बिज़नेस यहां 102 करोड़ की लागत से चावल भूसी तेल निकालने और रिफाइनरी का बड़ा प्रोजेक्ट शुरू करने वाला है, जिससे हज़ारों नौकरियाँ बनेंगी।
त्रिवेणी आलमारी प्रा. लि. 250 करोड़ रुपये में आलमारी निर्माण का अत्याधुनिक प्लांट लगाएगी — यह अकेला प्रोजेक्ट 7000 से ज्यादा लोगों को रोज़गार देगा।
सिंघानिया सीमेंट और आर.के. हैंडलूम जैसे ब्रांड भी सीमेंट यूनिट और टेक्सटाइल उत्पादन इकाइयाँ लगाने को तैयार हैं।
शालीमार ग्रुप और राजस्थान लिकर लिमिटेड भी बॉटलिंग प्लांट और डिस्टिलरी लगाने जा रहे हैं — जो हज़ारों नए रोज़गार लाएंगे।
रोज़गार और शिक्षा का गठजोड़:
मुख्यमंत्री योगी की सोच साफ़ है — "युवाओं को तकनीकी शिक्षा दो, और उद्योगों से जोड़ो।" इसी सोच के चलते इस साल टेक्निकल एजुकेशन लेने वाले युवाओं के लिए बहुत सारे अवसर मिलेंगे।
क्या कहती हैं कंपनियाँ और अधिकारी?
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (IIA) मानती है कि यूपी अब कारोबार के लिए सबसे सुरक्षित और लाभकारी जगह बन चुका है।
औद्योगिक विकास विभाग के मुताबिक, पारदर्शी प्रशासन, मजबूत कानून व्यवस्था और मुख्यमंत्री योगी की पॉज़िटिव सोच ने यूपी को निवेशकों की पहली पसंद बना दिया है।
अब यूपी सिर्फ़ खेती और आबादी का राज्य नहीं रह गया है — ये देश का अगला इंडस्ट्रियल पॉवरहाउस बनने जा रहा है। और सबसे अच्छी बात, इसमें युवाओं की सबसे बड़ी भागीदारी है।
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