गौतमबुद्धनगर पुलिस ने दिल्ली मेट्रोपॉलिटन एजुकेशन में साइबर सुरक्षा पर जागरूकता अभियान चलाया। पुलिस उपायुक्त श्रीमती प्रीति यादव ने छात्रों और स्टाफ को साइबर अपराध से बचने के उपायों के बारे में विस्तार से बताया, साथ ही सावधानियों और हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी।
गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के मार्गदर्शन में, पुलिस उपायुक्त साइबर श्रीमती प्रीति यादव ने साइबर अपराध से बचने के तरीकों के बारे में छात्रों और स्टाफ को जागरूक करने के लिए दिल्ली मेट्रोपॉलिटन एजुकेशन में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम 14 नवंबर 2024 को हुआ, जिसमें साइबर सेल प्रभारी गौतमबुद्धनगर भी मौजूद थे।
इस अभियान का उद्देश्य था, छात्रों और स्टाफ को साइबर अपराधों के खतरों से बचने के लिए सावधानियों के बारे में बताना। श्रीमती प्रीति यादव ने समझाया कि कैसे छोटी सी जानकारी की लापरवाही भी साइबर फ्रॉड का कारण बन सकती है, और इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
साइबर अपराध से बचने के लिए क्या करें?
वाट्सएप कॉल या वीडियो कॉल से सतर्क रहें
कभी भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा पुलिस की वर्दी में किए गए कॉल पर विश्वास न करें। आपको जो नाम, नंबर और पद बताया गया है, उसकी सच्चाई जांचें। गूगल पर अधिकारी के नाम और तैनाती की जगह की जानकारी प्राप्त करें।
सुरक्षित जानकारी साझा करें
अगर किसी वाट्सएप कॉल या वीडियो कॉल पर जानकारी मांगने पर शक हो, तो संबंधित विभाग के हेल्प डेस्क या साइबर सेल से जानकारी प्राप्त करें।
फर्जी हेल्पलाइन नंबर से सावधान रहें
साइबर अपराधी अक्सर गूगल पर फर्जी हेल्पलाइन नंबर अपलोड करते हैं। किसी भी विभाग के कस्टमर केयर नंबर को गूगल पर सर्च करने से बचें।
आधार कार्ड से जुड़े कॉल्स से सावधान रहें
अगर किसी को यह बताया जाए कि आपके आधार कार्ड या मोबाइल नंबर से जुड़ा कोई पार्सल मिला है, तो इस कॉल को न लें। यह साइबर फ्रॉड हो सकता है। अगर किसी कानूनी कार्रवाई की धमकी दी जाए, तो तुरंत नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराएं।
बैंक खाता खोलने की बात हो तो तुरंत कार्रवाई करें
अगर आपको बताया जाता है कि आपके आधार से किसी ने बैंक खाता खोला है, तो तुरंत नजदीकी बैंक में जाकर जानकारी लें और खाता बंद कराएं।
NBW और वारंट से संबंधित कॉल्स को न मानें
अगर कोई कॉल करके कहता है कि आपके खिलाफ NBW (Non-Bailable Warrant) जारी किया गया है, तो नजदीकी पुलिस थाने में इसकी जांच करें। पुलिस कभी वाट्सएप या फोन कॉल से ऐसा नहीं करती।
मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला से जुड़े कॉल्स से बचें
अगर किसी कॉल में कहा जाए कि आपके बैंक खाते में हवाला या मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी राशि आई है, तो इस कॉल को न मानें। कोई भी सरकारी एजेंसी मनी लॉन्ड्रिंग की जानकारी फोन पर नहीं देती।
साइबर अपराधियों से सावधान रहें
कभी भी वाट्सएप कॉल पर आपके बैंक खाते की जांच के लिए पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट की बात करने वालों पर विश्वास न करें। ये साइबर फ्रॉड होते हैं, जो आपके बैंक खाता विवरण चुराने के लिए इस तरह के फर्जी तरीके अपनाते हैं।
सुरक्षित लिंक पर क्लिक न करें
कभी भी किसी अज्ञात व्यक्ति से आए लिंक पर क्लिक न करें, चाहे वह वाट्सएप कॉल के जरिए हो या वीडियो कॉल। अगर वे आपको ऐप डाउनलोड करने के लिए कहें, तो बिल्कुल न करें।
निवेश और बीमा योजनाओं के नाम पर फर्जी लिंक से बचें
अगर कोई आपको निवेश में भारी मुनाफे का लालच देकर या बीमा के नाम पर फर्जी लिंक भेजता है, तो उसे खोलने से बचें।
ओटीपी और निजी जानकारी से बचें
अगर कोई महंगे सामान को सस्ते में देने का वादा करके आपसे ओटीपी या निजी जानकारी साझा करने के लिए कहे, तो इसे न दें।
ठगी की शिकायत तुरंत करें
अगर आपको लगता है कि कोई आपके साथ ठगी करने की कोशिश कर रहा है, तो तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।
साइबर अपराध की रिपोर्ट करें
अगर आप साइबर अपराध का शिकार होते हैं, तो ऑनलाइन साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 या साइबर पोर्टल (http://cybercrime.gov.in) पर तुरंत रिपोर्ट करें।
इस जागरूकता अभियान के दौरान श्रीमती प्रीति यादव ने छात्रों और स्टाफ से अपील की कि वे साइबर अपराध से बचने के लिए हमेशा सतर्क रहें और कोई भी संदिग्ध कॉल, मैसेज या लिंक पर तुरंत ध्यान दें। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी से सभी को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया गया और उन्हें यह समझाया गया कि साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक रहकर ही हम इन अपराधों से बच सकते हैं।
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