उत्तर प्रदेश में विकास की एक नई दिशा ले कर आ रही है एक अहम परियोजना, जो न सिर्फ क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को बल देगी, बल्कि पूरे उत्तर भारत के औद्योगिक परिदृश्य को भी बदलने का माद्दा रखती है। योगी सरकार ने हाल ही में जेवर एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, और इसके साथ ही यह बड़ा कदम उद्योग, रोजगार और निवेश के नए द्वार खोलेगा।
औद्योगिक विकास की नई राह पर:
इस परियोजना का दिलचस्प पहलू यह है कि इस ग्रीनफील्ड लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों ओर औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाएगा, जो क्षेत्रीय उद्योगों को प्रोत्साहित करने में सहायक होगा। जेवर एयरपोर्ट, चोला रेलवे स्टेशन और यमुना एक्सप्रेसवे के निकटता के कारण निवेशकों और निर्यातकों को बेहतर कनेक्टिविटी और सुविधाएं मिलेंगी। इससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और आर्थिक गतिविधियाँ तेज़ होंगी।
निर्माण में तेजी, लागत में कमी:
यूपी सरकार ने पहले प्रस्तावित लिंक एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे के 48 किमी आगे से शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब इसे यमुना एक्सप्रेसवे के 24.8 किमी से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इससे एक्सप्रेसवे की लंबाई घटकर 76 किमी रह जाएगी, जो निर्माण लागत को कम करेगा और परियोजना के समय पर पूरा होने की संभावना को मजबूत करेगा।
योजना से नज़रें:
यह 76 किमी लंबा लिंक एक्सप्रेसवे बुलंदशहर से होते हुए, जेवर एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। इससे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी सीधे आगरा और प्रयागराज तक हो जाएगी, जिससे एक नया औद्योगिक और व्यापारिक गलियारा खुलेगा। इस योजना को लेकर तैयार डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) अगले महीने मंजूरी के लिए प्रस्तुत की जाएगी, और इस परियोजना को दो साल में पूरा करने का लक्ष्य है।
निवेशकों के लिए शानदार अवसर:
यह परियोजना उत्तर प्रदेश को एक प्रमुख औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। गंगा एक्सप्रेसवे के जरिए जेवर एयरपोर्ट की बेहतर कनेक्टिविटी न केवल लॉजिस्टिक्स की सुविधा को दुरुस्त करेगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय और घरेलू व्यापार को भी नई उड़ान देगी।
निश्चित रूप से, यह परियोजना उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होने जा रही है, जो निवेश और समृद्धि की राह को नया आकार देगी।
COMMENTS