वृंदावन (मथुरा), उत्तर प्रदेश: वृंदावन के प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर में एक बड़ा दान घोटाला सामने आया है, जिससे श्रद्धालुओं के बीच सनसनी फैल गई है। मंदिर के मेंबरशिप डिपार्टमेंट में कार्यरत भक्त मुरलीधर दास पर आरोप है कि उसने श्रद्धालुओं द्वारा किए गए करोड़ों रुपये के दान को हड़प लिया और दान की रसीद बुक लेकर फरार हो गया। इस कृत्य ने ना सिर्फ मंदिर के प्रबंधन बल्कि मंदिर में आने वाले भक्तों को भी झकझोर दिया।
किस तरह हुआ घोटाला?
मुरलीधर दास, जो मंदिर में दान लेने और रसीद देने का जिम्मा संभालता था, के खिलाफ जब जांच शुरू हुई तो पता चला कि उसने मंदिर के पैसों को अपने निजी उपयोग में उड़ा लिया। मंदिर के CFO, विश्वनाथ दास ने पुलिस को तहरीर दी और बताया कि मुरलीधर ने इस पद का दुरुपयोग करते हुए श्रद्धालुओं से दान लिया, लेकिन उसकी रसीदें भी काटी और पैसा लेकर फरार हो गया। इस पूरी घटना ने मंदिर प्रबंधन को सकते में डाल दिया और अब पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
कड़ी कार्रवाई की जाएगी: मंदिर प्रबंधन का आश्वासन
मंदिर प्रबंधन ने इस घटना को गंभीरता से लिया और दानदाताओं के विश्वास को बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने का वादा किया है। हालांकि, इस घटना ने मंदिर के श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों में एक बड़ी चिंता पैदा कर दी है। श्रद्धालु यह सोचने को मजबूर हो गए हैं कि क्या उनका दान सही हाथों में जा रहा है या नहीं। इस घोटाले के बाद मंदिर प्रबंधन की छवि भी सवालों के घेरे में आ गई है।
मुरलीधर दास की तलाश जारी
वृंदावन कोतवाली में एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस मुरलीधर दास की तलाश में जुटी हुई है। उसके खिलाफ धोखाधड़ी और गबन की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि मुरलीधर की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है और वह जल्द ही पकड़ा जाएगा।
वृद्धि हो सकती है जांच की गंभीरता
इस घोटाले की जांच अब और भी गहराई से की जा रही है, और इसके साथ-साथ यह भी पता लगाया जाएगा कि कहीं और इस तरह के और घोटाले तो नहीं हुए हैं। मंदिर प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि जो भी जिम्मेदार होंगे, उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी ताकि भविष्य में ऐसा कोई धोखाधड़ी का मामला सामने न आए।
यह घटना इस्कॉन मंदिर के भक्तों के विश्वास को हिला सकती है और अब यह देखना होगा कि मंदिर प्रशासन कैसे इस मुश्किल स्थिति से बाहर निकलता है।
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