यूपी कॉलेज पर वक्फ बोर्ड के दावे के बाद छात्रों का विरोध, धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग। प्राचीन छात्र एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर कॉलेज की भूमि की नापी की मांग की।
वाराणसी: यूपी कॉलेज पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के दावे के बाद विवाद और उग्र हो गया है। कॉलेज के छात्रों ने सोमवार को वक्फ बोर्ड का पुतला फूंककर विरोध प्रदर्शन किया और कॉलेज में धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की। छात्रों ने यह आरोप भी लगाया कि कॉलेज परिसर में बाहरी लोग आकर धार्मिक गतिविधियों का आयोजन कर रहे हैं, जिससे पढ़ाई का माहौल प्रभावित हो रहा है।
प्राचीन छात्र एसोसिएशन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा, जिसमें कॉलेज की भूमि की नापी करने और वक्फ बोर्ड के दावे की जांच कराने की मांग की गई। एसोसिएशन का कहना है कि 1909 में स्थापित यूपी कॉलेज का इतिहास स्पष्ट है और इसे वक्फ बोर्ड के दावे से प्रभावित नहीं किया जा सकता।
छात्र नेताओं का आरोप है कि कुछ बाहरी लोग कॉलेज परिसर में धार्मिक गतिविधियां चला रहे हैं, और यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है। एक संदिग्ध व्यक्ति को कॉलेज प्रबंध समिति में सदस्य बनाकर उसके माध्यम से मजार को मस्जिद में बदलने और भूमि को वक्फ में शामिल करने की कोशिश की जा रही है। इससे कॉलेज के शैक्षिक माहौल में खलल पड़ रहा है, क्योंकि सैकड़ों छात्र इस रास्ते से गुजरते हैं। छात्रों ने प्रशासन से इन गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने की अपील की है।

शिवम सिंह बाबू, सचिन सिंह, सुधीर सिंह जैसे छात्र नेताओं ने जिला प्रशासन से मांग की कि वक्फ मामले का फैसला होने तक किसी भी प्रकार की अनावश्यक गतिविधियों पर रोक लगाई जाए और मामले में दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही, प्राचीन छात्र एसोसिएशन ने यह भी कहा कि कॉलेज की जमीन और भवन ट्रस्ट के अधीन हैं, और वक्फ बोर्ड का दावा पूरी तरह से खारिज किया जाना चाहिए।
यह विरोध प्रदर्शन छात्रों के लिए इस बात का प्रतीक है कि वे कॉलेज के शैक्षिक वातावरण को प्रभावित होने नहीं देना चाहते और इस मामले में प्रशासन से कड़े कदम उठाने की उम्मीद रखते हैं।
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