प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत में भारतीय श्रमिकों से मिलकर उनका हाल-चाल लिया, साथ में नाश्ता किया और उनके सवालों का दिल से जवाब दिया। यह कुवैत में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 43 वर्षों में पहली यात्रा थी, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करना था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुवैत यात्रा ने एक नई मिसाल पेश की, जब उन्होंने भारतीय श्रमिकों के साथ न सिर्फ हाथ मिलाया, बल्कि उनके साथ नाश्ता भी किया और उनकी समस्याओं का दिल से जवाब दिया। कुवैत में अपनी दो दिवसीय यात्रा के पहले दिन पीएम मोदी ने 'गल्फ स्पीक लेबर कैंप' का दौरा किया, जहां करीब 1,500 भारतीय श्रमिकों ने उनका स्वागत किया।
पीएम मोदी ने श्रमिकों से न केवल उनके हालचाल पूछे, बल्कि उनके सवालों का भी जवाब दिया। एक श्रमिक ने जब उनसे पूछा कि वे इतने दूर-दराज देश में क्यों काम कर रहे हैं, तो पीएम मोदी ने जवाब दिया, "आप अपने परिवार के लिए मेहनत करते हैं, मैं भी अपने परिवार के लिए मेहनत करता हूं। मेरा परिवार 140 करोड़ भारतीयों का है।" प्रधानमंत्री ने
श्रमिकों को यह भी बताया कि भारत में इंटरनेट की लागत बहुत कम है, जिससे लोग अपने परिवार से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आसानी से जुड़ सकते हैं। उन्होंने बताया, "भारत में सबसे सस्ता डेटा है और यदि आप वीडियो कॉल करते हैं, तो भी यह बहुत सस्ता है।"
यह यात्रा ऐतिहासिक थी, क्योंकि यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 43 वर्षों में कुवैत की पहली यात्रा थी। पीएम मोदी ने कुवैत में भारतीय समुदाय से मिले प्यार और अपनापन को महसूस किया। उन्होंने कहा, "आप सभी भारत के अलग-अलग राज्यों से हैं, लेकिन सबके दिल में एक ही गूंज है...भारत माता की जय।"
प्रधानमंत्री की कुवैत यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करना था। यह यात्रा भारत और कुवैत के बीच पारंपरिक दोस्ती को और गहरा करने का एक अहम कदम साबित हुई। साथ ही, व्यापार, ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की संभावना भी इस यात्रा से जुड़ी है।
कुवैत में भारतीय समुदाय की बड़ी संख्या के बीच पीएम मोदी का गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया जाएगा, जो इस यात्रा की अहमियत को और बढ़ा देता है।
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