मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन को साकार करने की दिशा में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-28 में 125 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक फ्लैटेड फैक्टरी कॉम्प्लेक्स के निर्माण की योजना तैयार की है। यह परियोजना MSME उद्यमों को सशक्त बनाने, निवेश आकर्षित करने और स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। लगभग 38,665 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनने वाला यह बहुमंजिला परिसर EPC मोड पर विकसित किया जाएगा, जिसमें सभी आधुनिक सुविधाएं जैसे HVAC, फायर फाइटिंग सिस्टम, CCTV निगरानी, जल-विद्युत आपूर्ति और ग्रीन बिल्डिंग मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। सरकार का यह कदम उत्तर प्रदेश को औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करने और राज्य को ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राज्य कर विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को कर संग्रह प्रक्रिया को पारदर्शी, तकनीकी रूप से सुदृढ़ और सख्त प्रवर्तन आधारित बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फर्जी और शेल कंपनियों के माध्यम से व्यापारिक प्रणाली में सेंध लगाने का प्रयास न केवल करदाताओं के साथ अन्याय है, बल्कि यह अक्षम्य अपराध भी है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जीएसटी एक उपभोक्ता आधारित कर प्रणाली है, इसलिए अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों से अपेक्षाकृत अधिक कर संग्रह स्वाभाविक है। उन्होंने कम संग्रह वाले ज़ोन की पहचान कर वहां विशेष रणनीति अपनाने और विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए ₹1,75,725 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष अप्रैल–मई माह में अब तक ₹18,161.59 करोड़ का GST और VAT संग्रह किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने इस पर संतोष जताते हुए लक्ष्य पूर्ति की दिशा में और तेजी लाने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने लखनऊ (दोनों ज़ोन), अयोध्या, बरेली, आगरा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, झांसी और सहारनपुर जैसे ज़ोन में 60% या उससे अधिक लक्ष्य पूर्ति को सराहा। वहीं, वाराणसी प्रथम, प्रयागराज, कानपुर द्वितीय, इटावा, अलीगढ़ और मुरादाबाद जैसे ज़ोन जहां कर संग्रहण 50% से कम रहा, वहां के लिए व्यापक समीक्षा और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कर चोरी एक राष्ट्रीय अपराध है, जो राज्य की विकास योजनाओं और कल्याणकारी कार्यों को प्रभावित करता है। उन्होंने निर्देश दिया कि CGST के तहत संदिग्ध फर्मों की जानकारी केंद्र सरकार को भेजी जाए, वहीं SGST के अंतर्गत ऐसी फर्मों की विभागीय जांच कर अनियमितता पाए जाने पर पंजीकरण रद्द कर एफआईआर दर्ज की जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से नई पंजीकृत फर्मों का भौतिक सत्यापन अनिवार्य रूप से कराने को कहा, ताकि फर्जी संस्थाएं ईमानदार करदाताओं को नुकसान न पहुंचा सकें। साथ ही उन्होंने एडिशनल, ज्वाइंट और डिप्टी कमिश्नर स्तर के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे व्यापारियों से सीधा संवाद कर उनके विश्वास को बढ़ाएं और अनुपालन की भावना को मजबूत करें।
अंत में मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राजस्व केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि राज्य के विकास की आधारशिला है, जिसे प्रत्येक अधिकारी को जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ सुनिश्चित करना चाहिए।
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