उत्तर रेलवे के NZRE (Northern Zone Railway Engineering) विभाग में छिपे घोटालों और अनियमितताओं की जांच अब रेलवे विजिलेंस विभाग के रडार पर है। हाल ही में विजिलेंस टीम ने छापा मारकर कई अहम दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनसे बड़े खुलासों की संभावना जताई जा रही है। अधिकारियों की रहस्यमयी चुप्पी और टालमटोल ने मामले को और संदेहास्पद बना दिया है। अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, ठेकों के आवंटन, बजट के इस्तेमाल और निर्माण कार्यों में संभावित गड़बड़ियों की जांच की जा रही है। जांच के इस कदम से विभाग में हड़कंप मच गया है और आने वाले दिनों में कई और खुलासे हो सकते हैं।
रेलवे से जुड़ी एक प्रमुख सहकारी संस्था Northern Zone Railway Employees Co-operative Society (NZRE) अब जांच एजेंसियों के घेरे में है।
हमें मिले पक्के सूत्रों के अनुसार, 16 मई 2025 को अमृतसर स्थित NZRE शाखा में रेलवे विजिलेंस विभाग ने एक अहम और गोपनीय कार्रवाई को अंजाम दिया। इस दौरान संस्था से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों को जब्त किया गया।
लेकिन कहानी यहीं नहीं रुकी।
सूत्र बताते हैं कि इसके महज़ तीन दिन बाद, 19 मई को दिल्ली स्थित NZRE मुख्यालय (बड़ौदा हाउस) में भी विजिलेंस की टीम पहुँची और वहाँ से भी प्रशासनिक और वित्तीय रिकॉर्ड्स को कब्जे में लिया गया। कार्रवाई के बाद NZRE की कार्यशैली और पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
अधिकारियों से संपर्क – लेकिन हर दरवाज़ा बंद मिला
जैसे ही हमें इस खबर की पुष्टि हुई, हमारी टीम ने NZRE के शीर्ष अधिकारियों से बात करने की कोशिश की:
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चेयरमैन अजीत सिंह का मोबाइल लगातार स्विच ऑफ मिला।
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वाइस चेयरमैन सुखपाल से संपर्क हुआ, लेकिन उन्होंने खुद को "15 दिन की छुट्टी पर" बताते हुए कोई टिप्पणी देने से इनकार कर दिया और बातचीत के लिए सीईओ से संपर्क करने की सलाह दी।
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सीईओ अल्का शर्मा से कई प्रयासों के बाद एक बार फोन पर संपर्क हुआ, जिसमें उन्होंने केवल इतना कहा: "मैं सभी से बात करके जानकारी दूंगी"। लेकिन उसके बाद उन्होंने किसी भी कॉल या संदेश का जवाब नहीं दिया।
केवल कार्रवाई नहीं, आरोप पहले से मौजूद थे
NZRE को लेकर कुछ वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों द्वारा लंबे समय से शिकायतें की जाती रही हैं, जिनमें शामिल हैं:
हालाँकि इन सभी आरोपों की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन अब विजिलेंस की दोहरी कार्रवाई ने इन संदेहों को एक नई गंभीरता दे दी है।
ज़मीनी हकीकत – अमृतसर शाखा से सीधे जुड़ते हैं
भारत न्यूज़ 360 TV की टीम पहुँची अमृतसर की NZRE शाखा, जहाँ से विवाद की शुरुआत हुई थी।
हमने वहाँ के कर्मचारियों और स्थानीय लोगों से बात की ताकि सच्चाई को सीधे जमीन से समझा जा सके।
स्थानीय आवाज़ों से कुछ झलकियाँ:
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"हमें पता था अंदर कुछ ठीक नहीं है, लेकिन कोई सुनता नहीं था..."
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"अब उम्मीद है कि कोई कार्रवाई होगी, और हमें न्याय मिलेगा।"
एंकर की वापसी – क्या ये सिर्फ एक शुरुआत है?
आपने सुनी ज़मीन से आई वो आवाज़ें, जिनमें गुस्से से ज़्यादा न्याय की उम्मीद है।
हम आपको स्पष्ट कर दें—
इस खबर की अब तक कोई सरकारी पुष्टि नहीं की गई है।
यह रिपोर्ट हमारे सूत्रों और गहन ग्राउंड रिपोर्टिंग पर आधारित है और जनहित में प्रकाशित की जा रही है।
Bharat News 360 TV इस पूरे मामले पर करीबी नजर बनाए हुए है।
अगली रिपोर्ट में हम आपके सामने लाएंगे:
NZRE के अंदर की फाइलें, दस्तावेज़ी सबूत और वो कहानियाँ, जो शायद अब तक सामने नहीं आई थीं।
बने रहिए हमारे साथ —
क्योंकि हम दिखाते हैं वो सच, जिसे अक्सर दबा दिया जाता है।
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