राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने हरियाणा के अंबाला एयरबेस से राफेल विमान में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया। महिला पायलट के साथ उड़ान ने वायुसेना के साहस और महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की।
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज इतिहास रच दिया। उन्होंने हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरते हुए देश की सैन्य शक्ति और महिला सशक्तिकरण का गौरव बढ़ाया।
यह वही फाइटर जेट है जिसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर कहर बरपाया था।
राष्ट्रपति मुर्मु जिस राफेल विमान में सवार हुईं, उसे एक महिला पायलट ने उड़ाया — जो नारी शक्ति का प्रतीक बना। उड़ान लगभग 20 मिनट तक चली। उड़ान से पहले राष्ट्रपति को एयरफोर्स जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, मंत्री अनिल विज, और अनेक वरिष्ठ रक्षा व प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। राष्ट्रपति ने इस दौरान ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े वायुवीरों को सम्मानित भी किया।

कार्यक्रम के दौरान डीसी अजय सिंह तोमर ने बताया कि राष्ट्रपति दिल्ली से हवाई मार्ग से अंबाला पहुंचीं। एयरफोर्स स्टेशन के चारों ओर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। ड्रोन उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया, और केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति थी।
भारत ने राफेल विमान फ्रांस से खरीदे थे, जिनकी पहली खेप 27 जुलाई 2020 को भारत आई थी। ये विमान फ्रांस के मेरिग्नैक एयरबेस से उड़कर अंबाला एयरबेस पहुंचे थे।
10 सितंबर 2020 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली की उपस्थिति में इन्हें भारतीय वायुसेना की 17वीं स्क्वॉड्रन ‘गोल्डन एरोज़’ में शामिल किया गया था।
राष्ट्रपति मुर्मु की यह उड़ान भारतीय वायुसेना के आत्मविश्वास और नारीशक्ति की नई ऊंचाई को दर्शाती है।
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