उत्तराखंड के हलद्वानी जिले के बनभूलपुरा में 8 फरवरी को हुई हिंसा का मास्टरमाइंड आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता आईजी नीलेश भरणे ने बताया कि हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है. हिंसा के बाद से आरोपी फरार था, जिसकी तलाश में पुलिस की कई टीमें लगी हुई थीं. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया था.
वहीं, आरोपी अब्दुल मलिक ने हलद्वानी की सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका भी दायर की है, जिस पर 27 फरवरी को सुनवाई होनी है. हालांकि, इससे पहले ही पुलिस ने आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया था. आरोपी के वकील ने बताया कि उन्हें पता चला है कि अब्दुल मलिक को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है, जबकि मलिक का हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है. यह हिंसा होने से तीन-चार दिन पहले वह हलद्वानी से बाहर थे.
आपको बता दें कि इससे पहले 8 फरवरी को हुई हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक के खिलाफ सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में नगर निगम हल्द्वानी ने कार्रवाई करते हुए रिकवरी नोटिस जारी किया था. यह वसूली नोटिस कुल 2.44 करोड़ रुपये का था, जिसमें मलिक के समर्थकों पर 'मलिक गार्डन' में अतिक्रमण हटाने गई टीम पर हमला करने और नगर निगम की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.
अब्दुल मलिक बसपा से लोकसभा चुनाव लड़ चुका हैं
बलभुनपुरा हिंसा के मुख्य आरोपी और साजिशकर्ता ने अकूत संपत्ति जमा कर ली है। भारी धन इकट्ठा करने के बाद मलिक ने नेता बनने का सपना देखा। वह वर्ष 2004 में बसपा से टिकट लेकर फरीदाबाद से लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मलिक को नामांकन के आखिरी दिन टिकट मिला और नामांकन दाखिल करते समय उनके साथ 100 लोगों की टीम थी. इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उस साल इस सीट से कांग्रेस को जीत मिली थी. उस समय मेवात भी फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में शामिल था।
मलिक पर एक "अवैध संरचना" का निर्माण करने का आरोप है, जिसे हटाने से शहर में हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए, जिनमें कई पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी भी शामिल हैं. हिंसा वाले दिन (8 फरवरी) शहर में दंगे भड़क उठे, जिसके बाद पुलिस बलों और नगर निगम कर्मचारियों पर हमला किया गया और एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी गई। मदरसा और प्रार्थना के लिए इस्तेमाल की जाने वाली निकटवर्ती संरचना के विध्वंस के बाद हुई हिंसा के दौरान पांच कथित दंगाइयों सहित छह लोग मारे गए और 60 घायल हो गए।
COMMENTS