कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी थी, जब अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की गई। यह मामला उस समय सुर्खियों में आया था, जब 9 अगस्त 2024 को संजय रॉय नामक एक आरोपी ने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया। आज, पूरे देश की निगाहें शनिवार को होने वाले फैसले पर टिकी हुई हैं, जो इस खौ़फनाक घटना की सजा का निर्धारण करेगा।
देशभर में गुस्से की लहर, न्याय की उम्मीदें
यह मामला देशभर में गुस्से और नाराजगी का कारण बना था। डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। विरोध प्रदर्शन, रैलियां और मार्च की झड़ी लग गई थी। लोग सड़कों पर उतरे, न्याय की मांग की, और इस अपराध के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए आवाज़ उठाई। इस दौरान राजनीति भी गर्माई थी, जहां विपक्षी पार्टियां टीएमसी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही थीं। हालांकि, इस मामले में सबसे ज्यादा दबाव पीड़िता के लिए न्याय की मांग करने वाले गैर-राजनीतिक आंदोलन पर था, जिसमें आम नागरिकों ने भी अहम भूमिका निभाई।
57 दिन का लंबा इंतजार, शनिवार को होगा फैसला
कोलकाता पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को 10 अगस्त को ही गिरफ्तार कर लिया था। पहले मामले की जांच कोलकाता पुलिस ने की थी, लेकिन बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इसकी जिम्मेदारी ली। 57 दिनों तक चले इस केस की सुनवाई के बाद, शनिवार को अदालत अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में सीबीआई ने आरोपी के लिए मौत की सजा की मांग की है, और अब सबकी नजरें इस फैसले पर टिकी हैं।
पिता-माता का सवाल, क्या और कोई शामिल था?
पीड़िता के माता-पिता ने अदालत में दावा किया था कि उन्हें संदेह है कि इस अपराध में और लोग भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने अदालत से मांग की कि मामले की और विस्तृत जांच की जाए, ताकि किसी भी दोषी को बचने का मौका न मिले।
सर्वोच्च न्यायालय का कदम, डॉक्टरों की सुरक्षा पर गहरी चिंता
इस खौ़फनाक अपराध के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया और देशभर में डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाने की दिशा में काम शुरू किया। राष्ट्रीय टास्क फोर्स (एनटीएफ) का गठन किया गया और पिछले साल नवंबर में इस मामले में एक रिपोर्ट दायर की गई, जिसमें डॉक्टरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अहम प्रोटोकॉल सुझाए गए।
अब शनिवार को होने वाला फैसला देशभर के लोगों को न्याय का अहसास दिला सकता है, लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठाता है कि क्या न्यायालय इस अपराध के लिए कड़ी सजा सुनाएगा, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके।
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