प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र में रविवार को एक भीषण अग्नि दुर्घटना ने भारी तबाही मचाई। श्रीकरपात्र धाम वाराणसी और गीता प्रेस गोरखपुर के शिविर में लगी आग ने पल भर में विकराल रूप ले लिया, जिससे 280 से ज्यादा कॉटेज जलकर राख हो गए। आग के कारण 30 फीट तक ऊंची लपटें उठने लगीं, और शिविर के भीतर अफरातफरी मच गई। सिलिंडर के फटने की धमाकों ने हालात को और भयावह बना दिया, जिससे लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ पड़े। फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीमों ने कड़ी मशक्कत के बाद एक घंटे में आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक 2.5 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका था। गीता प्रेस के एक करोड़ रुपये से अधिक के धर्मग्रंथ सुरक्षित बच गए, लेकिन इस घटना ने महाकुंभ मेले में गहरा शोक और चिंता का माहौल बना दिया।
प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र में रविवार की दोपहर एक भीषण अग्नि दुर्घटना ने सभी को दहला दिया। श्रीकरपात्र धाम वाराणसी और गीता प्रेस गोरखपुर के शिविर में लगी आग ने पल भर में तबाही मचाई। इस घटना के दौरान 30 फीट तक ऊंची लपटें उठ रही थीं, और घटनास्थल पर फैली अफरातफरी का आलम ऐसा था कि कई किलोमीटर दूर तक धमाकों की गूंज सुनाई दी। शिविर के अंदर मौजूद लोग जान बचाने के लिए चीखते हुए भागे, वहीं आग के बीच से लगातार सिलिंडर फटने की आवाजें सुनाई दे रही थीं।
पानी की बौछार से भी नहीं बुझी आग, हर तरफ थी तबाही
किसी ने भी नहीं सोचा था कि यह शांतिपूर्ण माहौल अचानक किस तरह तबाही में बदल जाएगा। रविवार की शाम को करीब 4 बजे जब शिविर के एक कॉटेज में धुआं उठा, तो किसी ने इसे सामान्य मानते हुए कोई खास ध्यान नहीं दिया। लेकिन इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते, आग ने विकराल रूप ले लिया। देखते ही देखते 280 कॉटेज जलकर राख हो गए। इस दौरान सिलिंडर के फटने से धमाके होने लगे, जिससे मेला क्षेत्र में भगदड़ मच गई। आग के फैलने की रफ्तार इतनी तेज थी कि महज 15 मिनट में पूरा शिविर जलकर राख हो गया।
कॉटेजों में रखे सिलिंडर के फटने से मच गई अफरातफरी
जैसे ही आग ने रफ्तार पकड़ी, वह लगभग 5,000 स्क्वॉयर फीट क्षेत्र में फैले शिविर में फैल गई। आग के साथ उठते सिलिंडर के धमाके हर किसी को डर के साये में डाल रहे थे। एक के बाद एक सिलिंडर फटने से पूरे इलाके में भारी अफरा-तफरी का माहौल था। धमाकों की आवाजें दूर-दूर तक सुनाई दे रही थीं, और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे। फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
सीएम योगी के पास पहुंची खबर, लेकिन आग की लपटों में सब कुछ जल चुका था
इस घटना के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी घटनास्थल के पास ही थे। अफसरों ने जैसे ही उन्हें आगजनी की सूचना दी, वह घटनास्थल की ओर दौड़े, लेकिन तब तक आग ने पूरी तरह से शिविर को चपेट में ले लिया था। गनीमत रही कि रसोईघर तक आग नहीं पहुंच पाई, जिससे बड़ी जनहानि को टाला जा सका। हालांकि, इस हादसे में करीब 2.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, और पांच श्रद्धालु घायल हो गए।
गीता प्रेस का एक करोड़ रुपये का खजाना बच गया, लेकिन दुःख का माहौल
गीता प्रेस, जो धर्मग्रंथों के लिए प्रसिद्ध है, का एक करोड़ रुपये से अधिक का संग्रह भी शिविर में था। आग के बाद गीता प्रेस के ट्रस्टी कृष्ण कुमार खेमका बदहवास स्थिति में थे, लेकिन उन्होंने राहत की बात यह कही कि धर्मग्रंथ पूरी तरह सुरक्षित बच गए हैं। उन्होंने बताया कि यह ग्रंथ महाकुंभ के लिए भेजे गए थे और सभी के कुशलक्षेम की कामना करते हुए उन्होंने इस हादसे के कारणों का पता लगाने का प्रयास किया।
साधु-संतों का बढ़ा हाथ, गीता प्रेस को हर संभव मदद का आश्वासन
इस घटना के बाद महाकुंभ के साधु-संतों ने गीता प्रेस के ट्रस्टी कृष्ण कुमार खेमका से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी और मदद की पेशकश की। साधु-संतों ने कहा कि वे हर हाल में गीता प्रेस की मदद करने के लिए तैयार हैं। यह घटना महाकुंभ मेले के इतिहास का एक काला दिन बन गई, लेकिन संतों और श्रद्धालुओं की एकजुटता ने उम्मीद की एक नई किरण दिखाई।
इस दिल दहला देने वाली घटना ने महाकुंभ मेले में रहने वाले श्रद्धालुओं को हिला कर रख दिया, लेकिन जैसे-जैसे समय बीत रहा है, मेला प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर राहत कार्य में जुट गए हैं और मलबे में दबे हुए लोगों की तलाश कर रहे हैं।
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