प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के आकर्षण को देखते हुए रेलवे ने एक बड़ा कदम उठाया है। रेलवे ने 29 लंबी दूरी की ट्रेनों को रद्द कर दिया है ताकि विशेष ट्रेनों का संचालन बढ़ाया जा सके। इस निर्णय का उद्देश्य श्रद्धालुओं को बिना किसी परेशानी के महाकुंभ स्थल तक पहुंचाने और उनके सुरक्षित वापसी को सुनिश्चित करना है। रेलवे द्वारा विशेष ट्रेनों के संचालन में तेजी लाई जा रही है, और अधिकारियों का कहना है कि 400 से ज्यादा स्पेशल ट्रेनें चलाने की तैयारी की जा रही है।
प्रयागराज में महाकुंभ का मेला धूमधाम से चल रहा है और लाखों श्रद्धालु हर दिन संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। लेकिन इस विशाल आयोजन के दौरान रेलवे पर भारी दबाव भी है। खासकर मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी के स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं के लिए ट्रेन यात्रा को आसान बनाने के लिए रेलवे ने 29 और लंबी दूरी की ट्रेनों को निरस्त कर दिया है। अब तक कुल 58 ट्रेनों को रद्द किया जा चुका है, जिससे पहले से टिकट बुक कर चुके यात्रियों को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, रेलवे की ओर से राहत की बात यह है कि विशेष ट्रेनों का संचालन अब और बढ़ा दिया जाएगा, ताकि यात्रियों को प्रयागराज पहुंचने और वापसी में कोई दिक्कत न हो।
यह निरस्तीकरण मुख्य रूप से दिल्ली-हावड़ा रूट पर हो रहा है, और उम्मीद जताई जा रही है कि आगे भी कई ट्रेनें रद्द की जा सकती हैं। रेलवे ने इन ट्रेनों को रद्द करने के साथ-साथ अधिकतम विशेष ट्रेनों को चलाने की योजना बनाई है।
रेल राज्यमंत्री वी सोमन्ना ने बुधवार को प्रयागराज जंक्शन का निरीक्षण किया और कहा कि जीएम और डीआरएम को विशेष ट्रेनों के संचालन का अधिकार दिया गया है। उन्होंने इस विशाल आयोजन को सफल बनाने के लिए रेलवे अधिकारियों की सराहना की और कहा कि महाकुंभ के इस आयोजन में रेलवे ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
वी सोमन्ना ने कहा, "महाकुंभ के दौरान पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 400 से अधिक स्पेशल ट्रेनें चलाने की तैयारी कर ली गई है।" यह कदम रेलवे द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा और यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए उठाया गया है। पहली बार तीन हजार से ज्यादा विशेष ट्रेनों का आयोजन हो रहा है, जो अब तक की सबसे बड़ी पहल है।
रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों से महाकुंभ को नई ऊंचाई देने में कोई कसर बाकी नहीं रखी गई है।
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