गोरखपुर, 19 अप्रैल। शनिवार सुबह की तेज बारिश ने जहां आम जनजीवन को प्रभावित किया, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसेवा का अपना संकल्प पहले की तरह दृढ़ता से निभाया। गोरखनाथ मंदिर परिसर में हर सप्ताह होने वाला "जनता दर्शन" कार्यक्रम बारिश के बावजूद न सिर्फ समय पर हुआ, बल्कि मुख्यमंत्री ने करीब 300 लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और तत्काल समाधान के निर्देश भी दिए।

बारिश के कारण जब लोगों को लगा कि शायद इस बार मुख्यमंत्री से मुलाकात न हो पाए, तब सीएम योगी ने यह सुनिश्चित किया कि लोगों को निराश न लौटना पड़े। उन्होंने सभा को महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में स्थानांतरित कराया, ताकि बारिश के बावजूद किसी को असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री ने एक-एक व्यक्ति से आत्मीयता से बातचीत की, आवेदन लिए और अफसरों को सख्त निर्देश दिए—समस्या का समाधान समयबद्ध, पारदर्शी और संतोषजनक होना चाहिए। उन्होंने साफ कहा, “हमारी सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगी।”
पुलिस और राजस्व से जुड़ी शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी तरह की कोताही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जमीन कब्जे के मामलों में दबंगों और भू-माफियाओं पर सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए।

गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों की आर्थिक सहायता की गुहार पर उन्होंने अधिकारियों को इलाज के इस्टीमेट शीघ्र बनवाकर शासन को भेजने को कहा—“पैसे के अभाव में किसी का इलाज नहीं रुकेगा।”
एक शारीरिक रूप से अशक्त महिला को देखकर मुख्यमंत्री भावुक हो गए। उन्होंने न सिर्फ उसके लिए समस्या समाधान का आदेश दिया, बल्कि बच्चे को चाय पिलाने और बच्चों को चॉकलेट देकर दुलारने का भी आदेश दिया।

तेज बारिश के बावजूद मुख्यमंत्री योगी ने अपनी दिनचर्या जारी रखी—गुरु गोरखनाथ के दर्शन किए, गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी को श्रद्धांजलि दी और मंदिर परिसर का निरीक्षण भी किया।
यह सिर्फ एक जनप्रतिनिधि की कार्यशैली नहीं, बल्कि जनसेवा के प्रति उनका समर्पण है।
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