महाराष्ट्र के जलगांव जिले में एक बेहद डरावना और दुखद ट्रेन हादसा हुआ, जब पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह ने यात्रियों को घबराहट में डाल दिया। यह हादसा पचोरा के पारधाड़े स्टेशन के पास हुआ, जहां अफवाह के कारण अफरातफरी मच गई। यात्रियों ने घबराकर चेन पुलिंग की और ट्रेन से कूदने लगे। इस दौरान, जब वे ट्रेन से बाहर कूद रहे थे, बगल के ट्रैक से गुजर रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए, जिससे छह यात्रियों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
हादसे का कारण:
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, पुष्पक एक्सप्रेस के एक कोच में चिंगारी उठने के बाद आग लगने की अफवाह फैल गई। शुरुआत में यह माना गया कि यह चिंगारी ब्रेक-बाइंडिंग या हॉट एक्सल के कारण उत्पन्न हुई थी। जब यात्रियों को यह लगा कि आग लगी है, तो उन्होंने घबराकर चेन पुलिंग की, और ट्रेन रुकने से पहले ही कुछ यात्री नीचे कूद गए। अफरातफरी का यह माहौल ही उन्हें कर्नाटक एक्सप्रेस के ट्रैक पर ले आया। कर्नाटक एक्सप्रेस ने उन यात्रियों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे यह भयंकर हादसा हो गया।
रेलवे और प्रशासन का कदम:
हादसे के तुरंत बाद रेलवे के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर और मेडिकल टीम ने मिलकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। मध्य रेलवे के मुख्य प्रवक्ता स्वप्निल नीला ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि हादसा तब हुआ, जब पुष्पक एक्सप्रेस के कुछ यात्री ट्रेन से कूद गए और सामने से आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए।
मंडल रेल प्रबंधक भुसावल, रेलवे मेडिकल टीम और स्थानीय प्रशासन भी घटनास्थल पर राहत कार्य में जुट गए। इसके अलावा, महाराष्ट्र के मंत्री गुलाबराव पाटिल ने भी घटना की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचने वाले हैं, और जल्द ही अधिक जानकारी साझा की जाएगी।
घटना पर प्रतिक्रियाएं:
इस दर्दनाक घटना के बाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक व्यक्त किया और घायलों के इलाज के लिए समुचित चिकित्सा सहायता प्रदान करने के आदेश दिए। उन्होंने इस हादसे में मारे गए यात्रियों के परिवारों के प्रति भी संवेदना व्यक्त की।
रेलवे की तरफ से यह भी कहा गया है कि हादसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था और इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए रेलवे सुरक्षा प्रणाली की समीक्षा की जाएगी। इस हादसे ने न केवल यात्रियों के परिवारों को शोक में डुबो दिया, बल्कि रेलवे प्रशासन के लिए भी यह एक बड़ा सवाल खड़ा किया कि किस तरह ऐसी अफवाहों से बचा जा सकता है, जो यात्रियों की जान को खतरे में डाल सकती हैं।
महाराष्ट्र में मचा हड़कंप:
यह हादसा महाराष्ट्र में हड़कंप मचाने वाला था, क्योंकि ऐसा गंभीर हादसा बहुत कम देखने को मिलता है। घटनास्थल पर यात्रियों और आसपास के लोगों का जमावड़ा था, जो राहत कार्यों में मदद कर रहे थे और इस हादसे की सूचना देने के लिए दौड़-भाग कर रहे थे। रेलवे सुरक्षा और यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं, और इससे यह भी संकेत मिलता है कि रेलवे को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की आवश्यकता है।
इस हादसे के बाद रेलवे के उच्च अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि इस प्रकार की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके।
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