गुरुवार की सुबह की एक सर्द और शांत घड़ी अचानक हड़कंप में बदल गई, जब कीर्तिनगर के मलेथा गांव में एक असाधारण घटना ने सभी को सकते में डाल दिया। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के अस्थायी शरण स्थल में एक भयानक आग लग गई। कहानी का शरुआत तब हुई, जब कमरे में शार्ट सर्किट के कारण रसोई गैस सिलिंडर में अचानक भीषण आग लगी। किसी को अंदाजा नहीं था कि इस छोटी सी चिंगारी से एक बड़ा हादसा हो सकता था। जैसे ही आग ने अपना विकराल रूप लिया, गैस सिलिंडर का धमाका हुआ और आस-पास का सारा सामान जलकर राख हो गया। खास बात यह रही कि उस समय मजदूर वहां मौजूद नहीं थे, वर्ना बड़ा हादसा हो सकता था। कोतवाल देवराज शर्मा ने बताया कि, "गनीमत यह रही कि मजदूरों का समय से बाहर होना, एक बड़ी अनहोनी को टाल गया।"
अग्निशमन सेवा श्रीनगर के लीडिंग फायरमैन संजय और उनके साथी सोनू कुमार सैनी ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। लेकिन, जब तक आग बुझाई गई, दो बाइक, आठ बेड, कपड़े, पैसे और सामूहिक भोजनालय में रखी सारी राशन जलकर खाक हो चुकी थी। फायर सर्विस की मुस्तैदी से आग पर काबू पाया गया, और राहत की सांस ली गई। लेकिन अब सवाल यह है कि इस हादसे से जुड़ी हुई सारी चीज़ों का जायजा लिया जा रहा है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
यह घटना न सिर्फ यह बताती है कि शार्ट सर्किट जैसी छोटी सी घटना भी कितनी बड़ी तबाही ला सकती है, बल्कि यह भी कि कभी भी किसी के साथ क्या हो सकता है, इसका कोई अनुमान नहीं लगा सकता।
COMMENTS