सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस ने दस विशेष अभियानों के माध्यम से प्रदेश में अपराध पर भारी प्रहार किया है। ‘दस का दम’ ने महिलाओं, बच्चों और समाज के हर वर्ग की सुरक्षा सुनिश्चित की है। ऑपरेशन त्रिनेत्र, मजनू, गरुड़, ईगल जैसे अभियानों ने रिकॉर्ड कार्रवाई करते हुए प्रदेश को एक नए सुरक्षा मॉडल की दिशा में आगे बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति और 'दस का दम' अभियान ने उत्तर प्रदेश में अपराधियों की कमर तोड़ दी है। मिशन शक्ति फेज-5 के अंतर्गत चलाए गए दस ऑपरेशनों – मजनू, ईगल, गरुड़, रक्षा, बचपन, खोज, शील्ड, डेस्ट्राय, नशा मुक्ति और त्रिनेत्र – ने अपराध के हर मोर्चे पर चौतरफा वार किया।
ऑपरेशन त्रिनेत्र: सीसीटीवी से अपराधियों की गर्दन तक पहुंच
प्रदेश के संवेदनशील स्थानों पर 11 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, जिससे डकैती, लूट और हत्या जैसे 5,718 जघन्य अपराधों का खुलासा हुआ। थानों से जुड़े कंट्रोल रूम ने तुरंत एक्शन लेकर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया।
ऑपरेशन मजनू और ईगल: महिलाओं की सुरक्षा में वज्र प्रहरी
स्कूल-कॉलेजों के पास छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ 'मजनू' चला। 7,554 स्थान चिन्हित कर 58,624 शोहदों पर कार्रवाई की गई।
'ईगल' ने जेल से छूटे 7,963 अपराधियों की निगरानी की, जिनमें से 2,683 को दोबारा गिरफ्तार किया गया।
ऑपरेशन गरुड़: साइबर शोषण पर कड़ा प्रहार
बेटियों के साइबर शोषण को रोकने के लिए चलाए गए इस अभियान में 498 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और 405 के खिलाफ चार्जशीट दायर हुई।
ऑपरेशन रक्षा: मानव तस्करी में लगे नकाबपोश उजागर
स्पा और मसाज सेंटरों में छिपे मानव तस्करी के गिरोहों पर कार्रवाई कर 56 महिलाओं को रेस्क्यू किया गया और 49 का पुनर्वास सुनिश्चित किया गया।
बचपन और खोज: गुमशुदा मासूमों को नया जीवन
'बचपन' के तहत 2,860 बच्चों को बाल श्रम और भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलाई गई। 'खोज' से 3,327 लापता बच्चों का पुनर्वास हुआ।
ऑपरेशन शील्ड, डेस्ट्राय और नशा मुक्ति: समाज की सफाई
शील्ड: 29,773 एसिड दुकानों की जांच और 725 पर कार्रवाई।
डेस्ट्राय: अश्लील साहित्य पर 748 मुकदमे दर्ज।
नशा मुक्ति: 4,750 हॉटस्पॉट्स चिन्हित, 33,391 व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई।
227 अपराधी मुठभेड़ में मारे गए, 1 लाख से अधिक पर कार्रवाई
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि योगी सरकार के नेतृत्व में 227 अपराधियों का अंत हुआ और 1 लाख से अधिक अपराधियों पर कानूनी कार्रवाई की गई।
मुख्यमंत्री योगी की संकल्पना
मुख्यमंत्री ने कहा, “उत्तर प्रदेश अब अपराध मुक्त समाज की ओर बढ़ रहा है। बेटियों, बच्चों और कमजोर वर्गों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
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