दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र, आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच तलवारें खींच चुकी हैं। अरविंद केजरीवाल के एक बयान ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। केजरीवाल ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने उत्तर प्रदेश और बिहार से 'फर्जी' मतदाताओं को दिल्ली लाकर मतदाता सूची में पंजीकरण कराया है। उनका यह बयान विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी की मंशाओं पर सवाल उठाता है और इसने दिल्ली की सियासी हवा को हिला दिया है।
बृहस्पतिवार को केजरीवाल ने कहा था, "बीजेपी ने फर्जी मतदाताओं को लाकर दिल्ली की चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश की है।" उनका आरोप था कि 15 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच 13,000 नए मतदाताओं का पंजीकरण हुआ है, जिनमें से अधिकांश मतदाता उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से लाए गए हैं।
इस आरोप के बाद, बीजेपी ने कड़ा विरोध जताया और सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के रूप में इस मुद्दे पर जोरदार विरोध किया। प्रदर्शनकारी केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनके आवास के पास पहुंचे, जहां पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।
हालांकि, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने केजरीवाल का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ उन पूर्वांचलियों की आवाज उठाई है, जो दिल्ली में दशकों से रह रहे हैं और उनका वोट न काटा जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए वे चुनाव आयोग के पास गए थे। संजय सिंह ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा, "केजरीवाल ने बीजेपी के फर्जी वोट बनाने की कोशिशों का खुलासा किया है, कोई अपमान नहीं किया।"
अब देखना होगा कि इस राजनीतिक घमासान में कौन सा दल अपना दबदबा बनाता है और दिल्ली के मतदाता इस विवाद को किस दृष्टिकोण से देखते हैं।