A five-story building in Noida's Sector-41 poses a severe danger after part of a flat's bathroom collapsed. Residents blame the landlord and authorities for ignoring necessary repairs, raising concerns over public safety in the city. This is yet another example of administrative negligence, with previous building collapses having already claimed lives.
नोएडा सेक्टर-41 में जर्जर मकान: प्रशासनिक
लापरवाही और संभावित आपदा की अनदेखी
प्रमुख विश्लेषण और
चेतावनी
नोएडा के सेक्टर-41 के आगापुर गांव में स्थित
पांच मंजिला मकान एक बड़ी दुर्घटना को न्योता दे रहा है। बीती रात मकान के एक
फ्लैट के बाथरूम का हिस्सा अचानक गिर जाने की घटना ने इस स्थिति को और गंभीर बना
दिया। यह हादसा उस समय हुआ जब फ्लैट में रहने वाली एक छोटी बच्ची बाथरूम में मौजूद
थी। किस्मत से बच्ची बच गई, लेकिन
यह घटना भविष्य में आने वाले संभावित खतरों की ओर इशारा करती है।
स्थानीय आक्रोश और
प्रशासनिक अनदेखी
यह घटना सिर्फ एक इमारत का
ढहना नहीं है; यह
प्रशासनिक लापरवाही और मकान मालिक की गैर-जिम्मेदारी को उजागर करती है। मकान में
रह रहे किरायेदारों का कहना है कि मकान की मरम्मत की कई बार मांग करने के बावजूद
कोई कदम नहीं उठाया गया। इस प्रकार के घटनाओं में किरायेदारों को प्रशासन और मकान
मालिक की संयुक्त निष्क्रियता का शिकार बनना पड़ रहा है। यह न केवल एक सामूहिक
उदासीनता का प्रतीक है, बल्कि
उन जिम्मेदार अधिकारियों की विफलता का परिणाम है, जो इस तरह के खतरनाक मकानों की स्थिति पर नजर रखने के
लिए तैनात हैं।
पहले की घटनाओं से सबक न
लेना
नोएडा में जर्जर इमारतों
से जुड़ी कई दुर्घटनाएं हाल ही में सामने आई हैं। बहलोलपुर में इमारत गिरने से हुए
हादसे में कई लोग जान गवां चुके हैं। इन घटनाओं से सबक लेते हुए प्रशासन को तुरंत
कार्यवाही करनी चाहिए थी, लेकिन
वर्तमान में भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। यह स्पष्ट है कि जिम्मेदार अधिकारी
लगातार हो रही इन घटनाओं से कुछ सीखने और समय रहते कार्यवाही करने में नाकाम रहे
हैं।
सुरक्षा और अधिकारों पर
सवाल
किरायेदारों की सुरक्षा इस
घटना का एक महत्वपूर्ण पहलू है। मकान मालिक किराया वसूलते हैं, लेकिन इमारतों की
संरचनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित करने में पूरी तरह असफल रहते हैं। यह स्थिति न केवल
उनके कर्तव्यों के प्रति लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि ऐसे मकानों में रहने
वालों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कौन जिम्मेदार है।
प्रशासन और नोएडा अथॉरिटी
की जिम्मेदारी
हमारे सवाल सरकार और नोएडा
प्राधिकरण के प्रति भी हैं। क्या इन खतरनाक इमारतों की जांच करने और उचित कदम
उठाने की जिम्मेदारी सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई है? क्या मकान मालिकों को केवल
आर्थिक लाभ के लिए लोगों की जान जोखिम में डालने की छूट है? यह समय है कि नोएडा
प्राधिकरण इन सवालों का जवाब दे और तत्काल कदम उठाए।
मांग और अपील
हम नोएडा प्राधिकरण से
तत्काल कार्यवाही की मांग करते हैं। इस मकान का तुरंत निरीक्षण कर इसे खाली कराने
का आदेश दिया जाए। मकान मालिक पर कड़ी कार्रवाई की जाए और उन्हें संरचनात्मक
मरम्मत के लिए निर्देशित किया जाए। इसके साथ ही, प्रशासन को नोएडा और अन्य इलाकों में मौजूद जर्जर
इमारतों की पहचान कर उनके पुनर्निर्माण या मरम्मत के लिए एक सख्त योजना लागू करनी
चाहिए। इस तरह की घटनाओं को हल्के में नहीं लिया जा सकता, क्योंकि यह न केवल लोगों
की सुरक्षा बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही का भी सवाल है।
समाज की जिम्मेदारी
इस घटना को केवल प्रशासनिक
गलती समझकर छोड़ना उचित नहीं है। समाज को भी ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज उठानी होगी।
हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वे अपने आस-पास की खतरनाक इमारतों और संभावित
आपदाओं की सूचना दें और समय रहते कार्रवाई की मांग करें। यह सिर्फ एक इमारत की
समस्या नहीं है, बल्कि
हर नागरिक के जीवन और सुरक्षा का मुद्दा है।
हम यह मांग करते हैं कि
प्रशासन और नोएडा प्राधिकरण ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं और दोषियों
के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। यह घटना एक बड़ी आपदा की चेतावनी है, और अगर समय पर ध्यान नहीं
दिया गया, तो
भविष्य में और भी बड़े हादसे हो सकते हैं। नागरिकों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिक
जिम्मेदारी होनी चाहिए, और इसके
लिए प्रशासन को पूरी जिम्मेदारी उठानी चाहिए।