मेरठ के केएमसी अस्पताल में एक महिला ने आरोप लगाया है कि 2017 में उसके ऑपरेशन के दौरान उसकी एक किडनी निकालकर बेच दी गई। पांच साल बाद 2022 में जब महिला ने जांच कराई, तो यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ। महिला ने आरोप लगाया कि अस्पताल के डॉक्टरों ने सच्चाई छुपाई और उसे धोखा दिया। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने अस्पताल के छह डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मामले में किडनी चोरी और धमकियों का आरोप भी सामने आया है।
कहानी की शुरुआत:
यह कहानी एक ऐसी महिला की है, जिसने अपनी जान की सलामती और स्वास्थ्य के लिए एक अस्पताल का रुख किया, लेकिन उसे वहां कुछ ऐसा झेलना पड़ा, जिसे सुनकर हर कोई सन्न रह जाए। यह घटना मेरठ के केएमसी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर से जुड़ी है, जहां एक महिला ने किडनी चोरी और उसके बेचने का गंभीर आरोप लगाया है।
क्या हुआ था 2017 में?
कविता नाम की महिला, जो बुलंदशहर के बुगरासी क्षेत्र की रहने वाली है, 2017 में बीमार हुई थी और इलाज के लिए केएमसी अस्पताल पहुंची। डॉ. सुनील गुप्ता ने ऑपरेशन का सुझाव दिया, जिसके बाद 20 मई 2017 को उसका ऑपरेशन किया गया। तीन दिन बाद, यानी 24 मई को उसे छुट्टी दे दी गई और बताया गया कि इलाज सफल रहा है। लेकिन, पांच साल बाद, 2022 में जब कविता ने दूसरी जगह जाकर जांच कराई, तो उसकी किडनी गायब पाई गई।
क्या था रहस्य?
यह खुलासा कविता के लिए एक बड़ा झटका था। उसका आरोप है कि डॉ. सुनील गुप्ता और उनके सहयोगियों ने मिलकर उसकी किडनी निकालकर किसी को बेच दी। इसके बावजूद, उसे झूठी रिपोर्ट देकर दवाइयां दी जाती रहीं। जब भी उसकी तबियत खराब हुई, डॉक्टरों ने सच्चाई छुपाई, और उसे बेवकूफ बनाने की कोशिश की।
किडनी बेचने का आरोप और हिंसा का डर:
कविता ने आरोप लगाया कि उसे न केवल धोखा दिया गया, बल्कि जब उसने सच्चाई का खुलासा करने की कोशिश की, तो अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों ने उसके साथ मारपीट की और धमकी दी। जुलाई 2023 में, डॉ. सुनील गुप्ता ने कथित रूप से कुछ गुंडों को कविता के घर भेजा, जिन्होंने उसे मुकदमा वापस न लेने पर जान से मारने की धमकी दी। इस डर और हिंसा के बीच, कविता ने न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
पुलिस की कार्रवाई:
कविता की शिकायत पर, कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और केएमसी अस्पताल के छह डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इन पर मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला चल रहा है।
केएमसी अस्पताल का काला सच:
यह पहली बार नहीं है, जब केएमसी अस्पताल का नाम सुर्खियों में आया है। इससे पहले भी अस्पताल के खिलाफ कई तरह के आरोप लग चुके हैं। अब, इस मामले में पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई कर रही है, लेकिन क्या न्याय मिलेगा या फिर यह मामला भी दबकर रह जाएगा? यह सवाल सभी के मन में है।
अंतिम शब्द:
यह मामला केवल एक महिला की किडनी चोरी का नहीं है, बल्कि चिकित्सा जगत में विश्वास और इन्साफ का सवाल भी है। क्या इस घिनौनी साजिश के पीछे के दोषियों को सजा मिलेगी, या फिर इस रहस्यमयी खेल को हमेशा के लिए दफन कर दिया जाएगा?