चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी ने युवाओं में उद्यमशीलता की भावना को सशक्त करने के लिए ‘कैंपस टैंक’ और ‘सीयू एआई स्पेस’ की शुरुआत की। ₹50 करोड़ की फंडिंग से युवा अपने इनोवेटिव आइडिया को स्टार्टअप में बदल सकेंगे। मंत्री नन्दी और चांसलर सतनाम सिंह संधू ने इस पहल को विकसित भारत 2047 की दिशा में बड़ा कदम बताया। 
                                
															
                                    
								  
								
																
																
								 
 भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में क्रांति लाने की दिशा में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी ने ‘कैंपस टैंक’ का शुभारंभ किया — एक एआई समर्थित मंच जो युवाओं के स्टार्टअप विचारों को फंडिंग, मेंटरशिप और नेटवर्किंग के ज़रिए नई ऊंचाई देगा। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की।
कैंपस टैंक के लिए कुल 6 मिलियन यूएस डॉलर (लगभग ₹50 करोड़) की फंडिंग निर्धारित की गई है। इसके तहत 1,000 से अधिक स्टार्टअप्स को जोड़ा गया, जिनमें से 10 श्रेष्ठ स्टार्टअप्स ने निवेशकों के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत किए और फंडिंग हासिल की। यह पहल युवाओं को विचार से लेकर बाज़ार तक पहुँचाने के हर चरण में वित्तीय और तकनीकी सहयोग प्रदान करेगी।

इस अवसर पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने ‘सीयू एआई स्पेस’ का भी शुभारंभ किया — जो विद्यार्थियों, स्टार्टअप्स और इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स के लिए एआई रिसर्च और डेवलपमेंट का कोलैबोरेटिव प्लेटफॉर्म बनेगा।
मंत्री नन्दी ने कहा कि “यूनिवर्सिटी मैन-मेकिंग से नेशन-बिल्डिंग की प्रयोगशाला है,” और इसे इनोवेशन को बढ़ावा देने वाला ऐतिहासिक कदम बताया। विश्वविद्यालय के चांसलर व राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने कहा कि कैंपस टैंक केवल एक लॉन्चपैड नहीं, बल्कि एक “आंदोलन” है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को साकार करने में युवाओं को सशक्त करेगा।
 
							 
						
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