सिक्किम की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश और राज्यवासियों को संबोधित किया। उन्होंने आतंकवाद और पहलगाम हमले का उल्लेख करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत की सटीक और निर्णायक कार्रवाई का जोरदार जिक्र किया। मोदी ने कहा कि इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान को करारा संदेश दिया है, लेकिन इसके बाद भी जारी तनाव सवाल खड़े कर रहा है कि क्या वास्तव में यह संघर्ष खत्म हुआ है? पढ़िए पूरी रिपोर्ट और जानिए भारत-पाक के बीच इस जंग के पीछे छुपी सच्चाई।
आज सिक्किम के 50 साल पूरे होने के समारोह में एक अप्रत्याशित मोड़ आया। खराब मौसम के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सिक्किम दौरा रद्द हो गया, और वे गंगटोक की धरती पर नहीं पहुंच पाए। लेकिन इस बीच, बागडोगरा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने देश और खासकर सिक्किम की जनता को संबोधित किया — एक ऐसा भाषण जिसने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया।
पीएम मोदी ने इस अवसर पर सिक्किम की पर्यटन विविधता की तारीफ करते हुए एक चौंकाने वाला संकेत दिया। उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले का जिक्र किया और साथ ही ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत ने आतंकियों और उनके सरपरस्तों को करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा,
“पाकिस्तान अब समझ चुका है कि वह भारत से मुकाबला नहीं कर सकता। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने उसे साफ संदेश दे दिया कि भारत कब, कैसे और कितना सटीक हमला कर सकता है।”
मोदी ने कहा कि आतंकवाद ने हमारे परिवारों की खुशियां छीन लीं और हमारे बीच फूट डालने की कोशिश की, लेकिन आज पूरी दुनिया देख रही है कि भारत पहले से कहीं ज्यादा एकजुट है। आतंकियों के ठिकानों पर किए गए सटीक हमलों ने पाकिस्तान को बौखलाकर भारतीय सैनिकों और नागरिकों पर हमले की कोशिशों को जन्म दिया। मगर भारतीय सेना ने हर बार करारा जवाब दिया, एयरबेस, रडार साइट्स और कमांड सेंटर तबाह कर पाकिस्तान की पोल खोल दी।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की ये कहानी दरअसल 7 मई को शुरू हुई, जब भारतीय सेना ने पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद सटीक और तगड़े जवाब में आतंकियों के ठिकानों पर कार्रवाई की। इसके बाद पाकिस्तान ने 8 से 10 मई तक लगातार सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की, लेकिन हर हमले को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। इतना ही नहीं, 10 मई को पाकिस्तान ने भारत के सामने सीजफायर का प्रस्ताव रखा, जो दोनों देशों के बीच लागू हो गया।
लेकिन सवाल है — क्या पाकिस्तान की ये चालाकी और ये ‘सीजफायर’ सच में स्थायी शांति की ओर बढ़ने का संकेत है? या फिर ये सब एक चालाकी भर है? भारत की सटीक और तेज कार्रवाई ने जरूर पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर किया है, लेकिन जंग की इस कड़वाहट के पीछे छुपे सच को समझना अब हर भारतीय के लिए बेहद जरूरी है।
सिक्किम की 50वीं वर्षगांठ के इस खास मौके पर प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश सिर्फ एक भाषण नहीं, बल्कि भारत की शक्ति और एकता की गूंज है — एक चेतावनी है उन सभी ताकतों के लिए जो देश की अखंडता को चुनौती देना चाहते हैं।
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