गृह मंत्री ने लगाई पुलिस की क्लास
गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को गृह मंत्रालय बुलाया और राजधानी में बढ़ते अपराधों को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। शाह ने कहा, "दिल्ली में भ्रष्टाचार चरम पर है, गोलियां सरेआम चल रही हैं, और गैंगस्टरों का आतंक बढ़ता जा रहा है।" इसके बाद उन्होंने विशेष आयुक्त और डीसीपी से प्रजेंटेशन भी नहीं लिया, और सीधे निर्देश दिए कि सुधार की प्रक्रिया तुरंत शुरू होनी चाहिए।
स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच पर नजर
दिल्ली पुलिस की आतंकवाद निरोधक इकाई, स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की कार्यप्रणाली पर गृह मंत्री ने विशेष रूप से चिंता जताई। उनका कहना था कि इन इकाइयों को फिर से मजबूत करना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने निर्देश दिए कि इन दोनों इकाइयों को त्वरित सुधार के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं ताकि राजधानी में बढ़ते गैंगवार और अपराधों पर काबू पाया जा सके।
स्पेशल सेल में गड़बड़ियां और बड़े बदलाव की संभावना
सूत्रों के अनुसार, स्पेशल सेल में कुछ अधिकारियों की मनमानी के कारण उसकी साख बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस विभाग के प्रमुख विशेष आयुक्त आरपी उपाध्याय की सेवानिवृत्ति के बाद इस इकाई में बड़े बदलाव की संभावना जताई जा रही है। इस पर चर्चा हो रही है कि यदि 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी विवेक गोगिया को स्पेशल सेल का नया मुखिया बनाया जाता है तो विभाग में सुधार की उम्मीद की जा सकती है, क्योंकि गोगिया को एक सख्त और ईमानदार अफसर माना जाता है।
अगला कदम: अधिकारियों पर कड़ी नजर
गृह मंत्री के निर्देशों के बाद, दिल्ली पुलिस के डीसीपी ने पूरे शहर में अपराधियों, गैंगस्टरों, ड्रग्स तस्करों और अवैध हथियारों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, स्पेशल सेल में कुछ अधिकारियों की मनमानी को लेकर जल्द ही बड़ा फेरबदल हो सकता है। अगर गोगिया को प्रमुख बनाया जाता है, तो विभाग में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं, लेकिन उनके कार्यकाल के केवल आठ महीने बाकी हैं, जो इस बदलाव को सीमित कर सकते हैं।
क्या दिल्ली पुलिस सुधार पाएगी?
दिल्ली पुलिस के लिए आने वाले 45 दिन एक अहम परीक्षा साबित होंगे। अगर पुलिस अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने में सफल रहती है, तो यह गृह मंत्री के निर्देशों की सफलता होगी, लेकिन अगर स्थिति नहीं सुधरी तो पुलिस विभाग में बड़े बदलाव की संभावना है। अमित शाह ने साफ कर दिया है कि वह डेढ़ महीने बाद कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे और अगर सुधार नहीं हुआ तो कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली में बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था की समस्याएं अब सीधे गृह मंत्री के एजेंडे पर हैं, और अब यह देखना होगा कि दिल्ली पुलिस इन चुनौतियों का कैसे सामना करती है।