दिल्ली के कालकाजी इलाके में स्थित भूमिहीन कैंप में डीडीए ने अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर कार्रवाई शुरू की, जिसके चलते पूरे क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। हाईकोर्ट के निर्देश के तहत जारी नोटिस के बाद 10 जून की समय सीमा के अंत में यह कार्रवाई की गई। मौके पर विरोध कर रहे स्थानीय लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया। आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी मौके पर पहुंचीं और झुग्गीवासियों से संवाद कर भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव के समय 'जहां झुग्गी वहां मकान' का वादा करने वाली भाजपा अब गरीबों को दिल्ली से निकालने पर तुली है।
दिल्ली के कालकाजी स्थित भूमिहीन कैंप में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा झुग्गी-झोपड़ियों पर बुलडोजर चलाया गया, जिसके चलते पूरे इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। यह कार्रवाई उच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत की गई। डीडीए ने 10 जून तक झुग्गियां खाली करने का नोटिस निवासियों को पहले ही जारी कर दिया था।
मंगलवार दोपहर, पुलिस बल की भारी मौजूदगी के बीच डीडीए की टीम ने झुग्गियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की। कई स्थानीय लोगों ने विरोध किया, जिसके चलते पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया। इससे पहले सोमवार को डीडीए ने कोर्ट आदेशों के अनुसार सभी निवासियों को झुग्गियां खाली करने का अंतिम नोटिस जारी किया था।
कालकाजी विधानसभा क्षेत्र के इस भूमिहीन कैंप में 20 से 40 वर्षों से रह रहे लोगों के पुनर्वास को लेकर भी सवाल उठे हैं। मंगलवार को आम आदमी पार्टी की नेता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी मौके पर पहुंचीं और प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी झुग्गी निवासियों की हर संभव मदद करेगी।
भाजपा पर बरसीं आतिशी, कहा – “जहां झुग्गी वहां मकान” का वादा भूल गई सरकार
आप नेता आतिशी ने डीडीए की इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, “तीन दिन पहले भाजपा नेता रेखा गुप्ता ने कहा था कि किसी झुग्गी को नहीं तोड़ा जाएगा, लेकिन आज पूरे भूमिहीन कैंप को खाली कर दिया गया। क्या भाजपा चाहती है कि गरीब दिल्ली छोड़ दें? क्या वे यूपी-बिहार से आए मजदूरों को वापस भेजना चाहते हैं?”
उन्होंने आगे कहा, “इन झुग्गीवासियों को चुनावों के समय ‘जहां झुग्गी वहां मकान’ का वादा दिया जाता है और सत्ता में आने के बाद उन पर बुलडोजर चला दिया जाता है। ये लोग वर्षों से यहां रह रहे हैं, उनके लिए कोई स्थायी समाधान क्यों नहीं?”
इस कार्रवाई ने राजनीतिक विवाद को भी जन्म दिया है, जहां एक ओर सरकार इसे कोर्ट निर्देश के अनुसार बताती है, वहीं विपक्ष इसे गरीब विरोधी कदम करार दे रहा है।
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