राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से एक चौंकाने वाली गिरफ़्तारी सामने आई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के एक सहायक उप-निरीक्षक मोतीराम जाट को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि वह साल 2023 से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को गोपनीय और संवेदनशील जानकारी दे रहा था। सीआरपीएफ की सोशल मीडिया निगरानी टीम की सतर्कता से इस साजिश का पर्दाफाश हुआ। आरोपी को तत्काल सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है और पटियाला हाउस कोर्ट ने उसे 6 जून तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया है। अब जांच एजेंसी यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपी अकेला था या किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा है। यह मामला देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है
दिल्ली की सरहद के भीतर एक ऐसा खुलासा हुआ है जिसने देश की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में तैनात एक सहायक उप-निरीक्षक (ASI) मोतीराम जाट को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह जवान बीते दो से तीन वर्षों से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के संपर्क में था और संवेदनशील जानकारियां लीक कर रहा था।
🔍 गिरफ्तारी से पहले तक सब सामान्य था... लेकिन फिर हुआ खुलासा
सीआरपीएफ की आंतरिक निगरानी टीम सोशल मीडिया गतिविधियों पर नियमित नजर रख रही थी। इसी दौरान मोतीराम जाट की संदिग्ध गतिविधियों पर एजेंसियों की नजर पड़ी। शुरुआती जांच में ऐसे सुराग मिले जो सीधे तौर पर जासूसी के नेटवर्क की तरफ इशारा कर रहे थे। मामला गंभीर था, इसलिए तत्काल इसे NIA को सौंप दिया गया।
🕵️♂️ क्या मिला बदले में? कौन थे पाकिस्तान में उसके संपर्क?
एनआईए की टीम अब इस बात की तह तक जाने में जुटी है कि जवान पाकिस्तान में किन एजेंट्स के संपर्क में था, उसने किस तरह की सूचनाएं साझा कीं और इसके बदले में क्या हासिल किया। शुरुआती रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई है कि आरोपी पाकिस्तानी अधिकारियों को CRPF की आंतरिक गतिविधियों, तैनाती संबंधी जानकारियों और अन्य संवेदनशील सूचनाएं दे रहा था।
⚖️ कोर्ट ने भेजा हिरासत में, विभाग ने किया बर्खास्त
गिरफ्तारी के बाद मोतीराम जाट को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 6 जून तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया गया। दूसरी ओर, सीआरपीएफ ने संविधान और बल के सेवा नियमों के तहत उसे 21 मई से सेवा से बर्खास्त कर दिया।
🔥 एक अकेला नहीं हो सकता! क्या देश के भीतर छिपे हैं और भी गद्दार?
जांच एजेंसियों को शक है कि मोतीराम जाट अकेले काम नहीं कर रहा था। अब यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या देश के भीतर ऐसा कोई और नेटवर्क सक्रिय है, जो दुश्मन देश को खुफिया जानकारियां पहुंचा रहा है। यह केस केवल एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा में लगी सेंध की दस्तक है
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