फरीदाबाद के बादशाह खान अस्पताल में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत संचालित हार्ट सेंटर में 4100 से अधिक हृदय रोगियों का इलाज करने वाला कथित डॉक्टर पंकज मोहन शर्मा फर्जी निकला। जांच में उसकी कार्डियोलॉजी डिग्री जाली पाई गई। पुलिस ने आरोपी के साथ-साथ अस्पताल का संचालन करने वाली कंपनी मेडिट्रिना हॉस्पिटल प्रा. लि. के सीएमडी व अन्य अधिकारियों पर धोखाधड़ी और लोगों की जान जोखिम में डालने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
- फरीदाबाद के जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत संचालित हार्ट सेंटर में दिल के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर की कार्डियोलॉजी की डिग्री फर्जी पाई गई है। यह खुलासा तब हुआ जब जांच में पता चला कि डॉ. पंकज मोहन शर्मा नामक व्यक्ति, जो जुलाई 2024 से फरवरी 2025 तक सेंटर में सेवाएं दे रहा था, असल में कोई प्रमाणित कार्डियोलॉजिस्ट नहीं है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़े का भंडाफोड़
दरअसल, फरीदाबाद के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पंकज मोहन (केपी हार्ट एंड स्किन सेंटर) को जानकारी मिली कि उनके नाम का इस्तेमाल कर कोई व्यक्ति अस्पताल में डॉक्टर बनकर कार्यरत है। इस पर उन्होंने 21 अप्रैल को सीएमओ डॉ. जयंत आहूजा को लिखित शिकायत दी। कार्रवाई में देरी के चलते सामाजिक कार्यकर्ता संजय गुप्ता ने डीसीपी मकसूद अहमद से हस्तक्षेप की मांग की। डीसीपी ने पुलिस को त्वरित जांच के निर्देश दिए।
फर्जी डिग्री का हुआ खुलासा
जांच के दौरान पुलिस को डॉ. पंकज मोहन शर्मा की ओर से प्रस्तुत डॉक्टरी डिग्री के दस्तावेज मिले, जिन्हें सत्यापन के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (NBEMS), नई दिल्ली भेजा गया। वहां से जवाब मिला कि उस वर्ष उस नाम का कोई अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल ही नहीं हुआ था। यानी डिग्री फर्जी है।
4100 से ज्यादा मरीजों का इलाज
डीडीए द्वारा भेजी गई जानकारी के मुताबिक, डॉ. पंकज मोहन शर्मा ने 18 जुलाई 2024 से 5 फरवरी 2025 तक सेवाएं दीं और इस दौरान 4100 से अधिक हृदय रोगियों का इलाज किया। यह गंभीर लापरवाही और जन स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ का मामला बन गया है।
हार्ट सेंटर संचालकों पर भी कार्रवाई
थाना एसजीएम नगर में एफआईआर नंबर 152 के तहत डॉ. पंकज मोहन शर्मा के साथ-साथ मेडिट्रिना हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी डॉ. एन प्रताप कुमार, एचआर हेड दलीप नायर, सेंटर हेड पीयूष श्रीवास्तव, मंदीप और हरियाणा सेंटर हेड अजय शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र और लोगों की जान खतरे में डालने जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
फेसबुक पर फर्जी नाम और फिल्म कंपनी का संचालन
जांच में सामने आया कि आरोपी ने क्षितिज मोहन के नाम से फेसबुक प्रोफाइल बनाई थी और पेनसुस प्रोफेशनल प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक फिल्म निर्माण कंपनी में खुद को मैनेजिंग डॉक्टर के रूप में दर्शाया था। इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने उसे कार्डियोलॉजिस्ट नियुक्त कर दिया।
अबतक फरार, फोन स्विच ऑफ
पुलिस ने जब आरोपी डॉक्टर से संपर्क करने का प्रयास किया, तो उसका मोबाइल बंद मिला और व्हाट्सएप पर भी कोई जवाब नहीं मिला। पुलिस का कहना है कि इस मामले की विस्तृत जांच जारी है और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला न केवल चिकित्सा पेशे की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है, बल्कि PPP मोड के तहत संचालित स्वास्थ्य सेवाओं में निगरानी की गंभीर कमी को भी उजागर करता है।
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