मेट्रो हॉस्पिटल नोएडा में फिजियोथेरेपी यूनिट में लगी आग, कोई जनहानि नहीं
— दमकल विभाग की त्वरित कार्रवाई से टली बड़ी दुर्घटना
नोएडा, 11 जून 2025 — नोएडा के सेक्टर-11 स्थित मेट्रो हॉस्पिटल में बुधवार सुबह उस समय अफरातफरी मच गई जब अस्पताल के फिजियोथेरेपी यूनिट में अचानक आग लग गई। यह यूनिट अस्पताल के मुख्य भवन से अलग भू-तल पर स्थित था। गनीमत रही कि आग से कोई भी व्यक्ति हताहत नहीं हुआ और न ही मरीजों को शिफ्ट करने की आवश्यकता पड़ी।
इस घटना की पुष्टि करते हुए गौतम बुद्ध नगर के मुख्य अग्निशमन अधिकारी (CFO) श्री प्रदीप कुमार ने बताया कि थाना सेक्टर-24 क्षेत्रांतर्गत मेट्रो हॉस्पिटल में आग लगने की सूचना सुबह प्राप्त हुई। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की तीन यूनिटों को तत्काल घटनास्थल पर रवाना किया गया। अग्निशमन दस्ते ने समय रहते पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में ले लिया और आग को फैलने से रोक दिया।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग केवल फिजियोथेरेपी यूनिट तक ही सीमित रही और उसका प्रभाव मुख्य अस्पताल भवन पर नहीं पड़ा। अस्पताल प्रशासन और वहां मौजूद कर्मचारियों की तत्परता की भी सराहना की जा रही है, जिन्होंने आग लगते ही प्राथमिक स्तर पर आग बुझाने के प्रयास शुरू कर दिए थे। अस्पताल कर्मचारियों की त्वरित प्रतिक्रिया और संयम के कारण कोई बड़ी क्षति नहीं हुई।
फायर यूनिट के पहुंचने के बाद आग को पूरी तरह बुझा दिया गया और स्मोक एक्सट्रैक्शन सिस्टम के माध्यम से फिजियोथेरेपी यूनिट में जमा धुएं को भी बाहर निकाल दिया गया। दमकल विभाग की तत्परता और प्रोफेशनल प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि अगर कुछ मिनटों की भी देरी होती, तो आग विकराल रूप ले सकती थी।
घटना के पीछे आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। प्राथमिक दृष्टिकोण से यह तकनीकी शॉर्ट सर्किट की वजह मानी जा रही है, लेकिन विस्तृत जांच के बाद ही सटीक कारण स्पष्ट हो पाएगा। फायर सेफ्टी प्रोटोकॉल और इमरजेंसी रिस्पॉन्स को लेकर अस्पताल प्रशासन से भी रिपोर्ट मांगी गई है।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी श्री प्रदीप कुमार ने मीडिया को दिए अपने बयान में बताया, "अस्पताल में लगी आग को समय रहते नियंत्रित कर लिया गया है। कोई जनहानि नहीं हुई है और न ही किसी मरीज को स्थानांतरित करने की आवश्यकता पड़ी। यह अस्पताल प्रशासन और दमकल विभाग की संयमित और तेज प्रतिक्रिया का परिणाम है।"
इस घटना ने एक बार फिर यह उजागर किया है कि अस्पतालों जैसे संवेदनशील संस्थानों में फायर सेफ्टी व्यवस्था कितनी अहम होती है। गनीमत रही कि इस बार कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई, परंतु यह एक चेतावनी है कि सभी चिकित्सा संस्थानों को अपनी सुरक्षा व्यवस्था की समय-समय पर जांच एवं पुनर्निरीक्षण करते रहना चाहिए।
(रिपोर्ट: भारत न्यूज़ 360 टीवी)
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