कोलकाता में बागुइआटी थाने से तीन गाड़ियों की चोरी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पुलिस ने जब्त की थीं गाड़ियां, लेकिन थाने से ही गायब हो गईं। हाई कोर्ट ने मामले में गंभीरता से सुनवाई करते हुए पुलिस अधिकारियों से ब्योरा मांगा है।
कोलकाता में एक अजीब और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने सिर्फ आम जनता को नहीं, बल्कि कलकत्ता हाई कोर्ट को भी हैरान कर दिया है। यह मामला है बागुईआटी थाने से चोरी हुई तीन गाड़ियों का, जो पुलिस द्वारा जब्त की गई थीं और फिर थाने से गायब हो गईं। इस घटना ने न सिर्फ थाने के सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर भी गंभीर संदेह पैदा किया है।
क्या है मामला?
पापुन भट्टाचार्य नामक व्यक्ति ने अपने व्यावसायिक कार्यों के लिए कई गाड़ियां ली थीं। 2017 में, उन्होंने अपनी पांच गाड़ियां एक व्यक्ति को दी थीं, लेकिन वह व्यक्ति उन्हें वापस नहीं लौटा रहा था। इसके बाद, पापुन ने बागुइआटी थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए तीन गाड़ियां जब्त कर लीं और उन्हें थाने में रख दिया।
पापुन ने कानूनी रास्ता अपनाया और निचली अदालत में आवेदन दिया, जिसमें उसने गाड़ियां वापस करने की मांग की। अदालत ने पुलिस को आदेश दिया कि पापुन को उनकी गाड़ियां लौटा दी जाएं, लेकिन पुलिस ने हैरान करने वाली जानकारी दी – तीनों गाड़ियां थाना परिसर से चोरी हो गई थीं! अब इस मामले ने एक नया मोड़ लिया, जब पापुन ने कलकत्ता हाई कोर्ट का रुख किया।
हाई कोर्ट की चौकसी
कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले पर गंभीरता से सुनवाई शुरू की और बागुइआटी थाने के पुलिस अधिकारियों पर सवाल उठाए। न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने कहा, "थाना अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता" और बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट से इस चोरी की रिपोर्ट मांगी। साथ ही, पिछले सात वर्षों के थानेदारों और वर्तमान पुलिसकर्मियों का पूरा ब्योरा भी मांगा गया है।
अगली सुनवाई 12 दिसंबर को
हाई कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई 12 दिसंबर को तय की है, जब पुलिस द्वारा दी गई रिपोर्ट का मूल्यांकन किया जाएगा और यह तय किया जाएगा कि थाने की सुरक्षा व्यवस्था में खामियां कहां थीं।
यह मामला केवल एक चोरी का नहीं, बल्कि पुलिस विभाग की कार्यशैली और सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। अब देखना यह है कि बागुइआटी थाना और पुलिस प्रशासन इस जघन्य लापरवाही पर क्या कार्रवाई करता है।