जयपुर के SMS अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में देर रात लगी आग में 7 मरीजों की मौत हो गई। हादसे के 9 घंटे बाद स्वास्थ्य मंत्री का बयान सामने आया, जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे।
राजस्थान की राजधानी जयपुर से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। रविवार देर रात सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में अचानक आग लग गई। शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट को वजह माना जा रहा है। इस हादसे में 7 मरीजों की मौत हो गई, जिनमें 3 महिलाएं भी शामिल हैं।

करीब रात 12 बजे आईसीयू वार्ड से धुआं उठने लगा। ज्यादातर मरीज गंभीर स्थिति में थे और कुछ कोमा में थे, जिससे उन्हें तुरंत शिफ्ट करना बेहद मुश्किल हो गया। ट्रॉमा सेंटर इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि कमजोर सर्वाइवल रिफ्लेक्स के कारण मरीजों को सुरक्षित निकालने में दिक्कत आई। डॉक्टरों, नर्सों और दमकल विभाग की टीम ने मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया और कई मरीजों को बाहर निकाला, लेकिन 7 जानें नहीं बच सकीं।
अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी, धुएं से भरा आईसीयू और परिजनों की चीखें—हादसे के बाद का मंजर बेहद विचलित करने वाला था।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना पर दुख जताते हुए जांच के आदेश दिए, जबकि कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की। वहीं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर का बयान हादसे के पूरे 9 घंटे बाद सामने आया। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना है और दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी।

जयपुर के SMS हॉस्पिटल में लगी यह आग सिर्फ मरीजों की जिंदगी नहीं लील गई... इसने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल भी खोल दी। सात मरीजों की मौत, परिवारों का मातम और मंत्री की देरी से आई प्रतिक्रिया... सब कुछ मिलकर यह बताता है कि लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है। अब देखने वाली बात यह होगी कि जांच के बाद दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है और क्या सरकार अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर ठोस कदम उठाएगी?
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