सोच संस्था, नई दिल्ली की एक सामाजिक पहल है जो 2020 से भूख के खिलाफ अभियान चला रही है। संस्थापक प्रमोद अग्रवाल और उनकी टीम जरूरतमंदों तक भोजन, कपड़े और दवाइयाँ पहुँचाकर “अब कोई भूखा नहीं सोएगा” का सपना साकार कर रहे हैं।
राजधानी दिल्ली की सामाजिक संस्था “सोच” (Social Organisation for Conquering Hunger) आज भूख के खिलाफ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। संस्था का उद्देश्य है – “भारत में अब कोई भूखा नहीं सोएगा।”
इस अभियान की शुरुआत 27 जून 2020 को हुई थी, जब सात मित्र — जो लायंस क्लब के सदस्य और कॉरपोरेट सेक्टर से जुड़े अधिकारी थे — ने मिलकर इस नेक पहल की नींव रखी। संस्था के संस्थापक चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने बताया कि “सोच” का जन्म इसी भावना से हुआ कि अगर हम सभी मिलकर जरूरतमंदों की मदद करें, तो किसी को भी भूखा नहीं रहना पड़ेगा।
संस्था द्वारा लगातार ऐसे कई अभियान चलाए जा रहे हैं, जिनके माध्यम से ज़रूरतमंदों तक राशन, पका भोजन, गर्म कपड़े, ब्लैंकेट, रजाई, बच्चों के लिए स्कूल स्टेशनरी और दवाइयाँ पहुँचाई जाती हैं।

संस्था के अधिकारियों का कहना है कि उनका असली उद्देश्य सिर्फ सहायता पहुँचाना नहीं, बल्कि उन लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाना है जो लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। “जब हमें यह महसूस होता है कि हमारी मदद से किसी के चेहरे पर खुशी आई है, तभी ‘सोच’ का प्रयास सार्थक बनता है,” संस्था के एक पदाधिकारी ने कहा।
संस्था समाज के सभी वर्गों से अपील करती है कि वे इस अभियान से जुड़ें और अपने आसपास के जरूरतमंदों की सहायता के लिए आगे आएँ।
सोच – एक ऐसी सोच जो भूख के खिलाफ है।
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