उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में सावन के तीसरे सोमवार को अवसानेश्वर महादेव मंदिर में करंट फैलने से भगदड़ मच गई। हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई जबकि 32 से अधिक घायल हुए हैं। घटना का कारण बिजली का तार टूटना बताया गया है जिसे बंदर ने गिरा दिया था। प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं। न्यायिक जांच की मांग तेज़।
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में सावन के तीसरे सोमवार को एक बेहद दर्दनाक हादसा हो गया। हैदरगढ़ कोतवाली क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध अवसानेश्वर महादेव मंदिर में सोमवार के करीब 2 बजे जलाभिषेक के दौरान करंट फैलने से भगदड़ मच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंदिर परिसर में अचानक एक बंदर ने बिजली का तार तोड़ दिया, जो टीन शेड पर गिरा। टीन में करंट फैलते ही अफरा-तफरी मच गई और लोग एक-दूसरे पर गिरते हुए भागने लगे। इस भगदड़ में 22 वर्षीय प्रशांत की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 30 वर्षीय एक अन्य श्रद्धालु ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

घटना में 32 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें जिला अस्पताल व लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
घटना की सूचना मिलते ही DM शशांक त्रिपाठी, SP और प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची और राहत-बचाव कार्य शुरू किया गया। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और मंदिर में दोबारा पूजा शुरू करवा दी गई है।

लेकिन हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं — क्या मंदिर में पर्याप्त सुरक्षा थी? बिजली व्यवस्था की जांच क्यों नहीं हुई? बंदरों से सुरक्षा को लेकर क्या इंतज़ाम थे?
यह हादसा प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है या एक और चूक? इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि यह महज एक दुर्घटना नहीं — व्यवस्था की विफलता है।
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