दिल्ली में एक महिला ने दूसरी शादी में बाधा बन रही अपनी पांच साल की बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी। जानिए इस दर्दनाक घटना की पूरी कहानी, जिसमें रिश्तों की उलझन, इंस्टाग्राम पर हुई दोस्ती और एक मां के खौफनाक फैसले ने सबको झकझोर दिया।
दिल्ली की बाहरी बस्तियों में एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने रिश्तों और इंसानियत दोनों को झकझोर कर रख दिया। एक मां ने अपनी पांच साल की मासूम बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी। वजह? वह अपनी जिंदगी में दूसरी शादी करना चाहती थी, लेकिन बेटी उसके लिए बाधा बन रही थी। यह कहानी सिर्फ हत्या की नहीं है, बल्कि टूटते रिश्तों और एक महिला के दर्द की दास्तान है।
शुरुआत नेपाल से
इस घटना की शुरुआत नेपाल में होती है, जहां आरोपी महिला की शादी एक युवक से हुई थी। शादीशुदा जिंदगी में लगातार झगड़ों और तनाव के चलते महिला अपने पति को छोड़कर अपनी पांच साल की बेटी के साथ हिमाचल प्रदेश में अपने रिश्तेदार के घर रहने आ गई। लेकिन यहां भी उसकी मुश्किलें खत्म नहीं हुईं। रिश्तेदार पर बच्ची के साथ यौन शोषण का आरोप है, जिसने महिला की जिंदगी को और उलझा दिया।
इंस्टाग्राम से शुरू हुई नई कहानी
हिमाचल में रहते हुए महिला की मुलाकात इंस्टाग्राम पर दिल्ली के वजीरपुर इलाके में रहने वाले राहुल से हुई। राहुल ने उसे प्यार और नई जिंदगी का सपना दिखाया। राहुल से शादी की उम्मीद लेकर महिला अपनी बेटी को साथ लेकर दिल्ली आ गई। लेकिन यहां कहानी ने एक और मोड़ लिया। राहुल और उसके परिवार ने बच्ची को अपनाने से इनकार कर दिया।
एक खौफनाक फैसला
महिला के लिए यह इनकार किसी सदमे से कम नहीं था। राहुल से शादी की चाहत और बेटी को लेकर पैदा हुई मुश्किलों ने उसे ऐसा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया, जो इंसानियत को शर्मसार कर देता है। उसने अपनी पांच साल की मासूम बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी।
अस्पताल में खुला राज
हत्या के बाद महिला शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाती रही। लेकिन डर और घबराहट के चलते वह बच्ची के शव को लेकर दीपचंद बंधु अस्पताल पहुंच गई। अस्पताल के डॉक्टरों को गले के निशान देखकर शक हुआ और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस पूछताछ में महिला ने आखिरकार अपना जुर्म कबूल कर लिया।
पुलिस की जांच और नए खुलासे
पुलिस ने बच्ची की हत्या के मामले में मां पर हत्या और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। जांच में पता चला कि हत्या के बाद महिला तीन घंटे तक शव के पास बैठी रही, यह सोचते हुए कि आगे क्या करना है।
यह घटना न सिर्फ एक मां की क्रूरता को उजागर करती है, बल्कि समाज में टूटते रिश्तों और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े सवाल भी खड़े करती है। एक मां जो अपने जीवन को फिर से संवारने के लिए बेटी को खत्म कर देती है, क्या वह खुद से कभी उबर पाएगी? और उस मासूम का क्या कसूर था, जो अपनी मां की चाहतों की बलि चढ़ गई?