गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के नाहल गांव में रविवार आधी रात पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ जैसी स्थिति बन गई। वांछित आरोपी कादिर को गिरफ्तार करने पहुंची नोएडा और मसूरी पुलिस की टीम पर गांववालों ने अचानक पथराव और फायरिंग कर दी। इस हमले में गौतमबुद्धनगर के फेस-3 थाने में तैनात सिपाही सौरभ देशवाल को सिर में गोली लगी। अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। यह घटना न केवल पुलिस पर बढ़ते हमलों की तस्वीर पेश करती है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है। अब पुलिस हमलावरों की तलाश में छापेमारी कर रही है, वहीं पूरे इलाके में तनाव का माहौल है।
गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र का नाहल गांव रविवार की रात गोलियों और चीख-पुकार से कांप उठा। नोएडा और मसूरी पुलिस की संयुक्त टीम जब वांछित अपराधी कादिर उर्फ मंटर को पकड़ने गांव पहुंची, तब किसी को अंदाजा नहीं था कि कुछ ही देर में पुलिस और भीड़ के बीच जंग जैसा मंजर बन जाएगा।
रात करीब 12 बजे जैसे ही पुलिस ने कादिर को उसके घर से गिरफ्तार किया, वैसे ही गांव की गलियों में सनसनी फैल गई। कादिर के परिजन और साथी उग्र हो उठे और अचानक ही पुलिस टीम पर पथराव और अंधाधुंध फायरिंग शुरू हो गई। गोलियों की इस बौछार में थाना फेस-3, गौतमबुद्धनगर में तैनात सिपाही सौरभ देशवाल के सिर में गोली लग गई।
शामली निवासी युवा सिपाही सौरभ को फौरन यशोदा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। एक होनहार सिपाही की इस शहादत की खबर से पूरे पुलिस महकमे में शोक की लहर दौड़ गई।
घटना की सूचना मिलते ही नोएडा पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह स्वयं गाजियाबाद पहुंचीं और हालात का जायजा लिया।
"जवान की शहादत पर सवाल — क्या पुलिस के खिलाफ गांव में रची गई साजिश?"
डीसीपी ग्रामीण सुरेन्द्र नाथ तिवारी ने पुष्टि की कि यह हमला एक सुनियोजित साजिश जैसा प्रतीत होता है। कादिर की गिरफ्तारी की जानकारी पहले ही कुछ लोगों को लीक होने की आशंका जताई जा रही है। उन्होंने बताया कि आरोपी कादिर को दोबारा पकड़ा गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।
घटना के बाद थाना फेस-3 के उपनिरीक्षक सचिन ने थाना मसूरी में लिखित तहरीर दी है, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि हमला करने वालों में कौन-कौन शामिल था और किसने गोली चलाई।
सौरभ देशवाल की शहादत एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है — क्या अब वर्दीधारी भी सुरक्षित नहीं रहे? और क्या अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि वे कानून को सीधी चुनौती दे रहे हैं?
पुलिस अब गांव में पूरी ताकत से दबिश दे रही है। पूरे इलाके में तनाव बना हुआ है, लेकिन सौरभ की शहादत यूं ही नहीं भूली जाएगी।
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