नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नागपुर में दिए गए बयान पर राजनीति गरमा गई है। राहुल गांधी ने एक कार्यक्रम में आरोप लगाया कि रायबरेली में एक सरकारी बैठक में तैनात अधिकारियों में से ज्यादातर एक ही समुदाय से थे, जिससे जातिगत असमानता का संकेत मिलता है। इसके बाद बीजेपी नेता और उत्तर प्रदेश के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने पलटवार करते हुए राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वह "सस्ती लोकप्रियता" के लिए नफरत फैला रहे हैं और देश में अशांति पैदा कर रहे हैं। राहुल गांधी का बयान राहुल गांधी ने कहा था कि जब वह रायबरेली में दिशा की बैठक में शामिल हुए, तो उन्होंने अधिकारियों के नाम पूछे और पाया कि ज्यादातर अधिकारी एक ही समुदाय से थे, जो ओबीसी, एससी और एसटी समुदाय से नहीं थे। उन्होंने इस मुद्दे को उठाकर केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को घेरने का प्रयास किया था। उनका यह बयान कांग्रेस की लंबे समय से जारी जातिगत प्रतिनिधित्व पर आधारित चिंता को दर्शाता है। दिनेश प्रताप सिंह का कड़ा जवाब दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि राहुल गांधी "अज्ञानता और अक्षमता" के साथ बयान दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी अपनी अनर्गल बयानों से नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं और यह देश की सद्भावना को नुकसान पहुंचा रहा है। सिंह ने कहा, "राहुल गांधी को अपनी गलतियों से सीखना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि राहुल गांधी को यह भी नहीं पता कि दिशा की बैठक क्या होती है, और क्या वह नहीं जानते कि उस बैठक में हर समाज के लोग होते हैं?" राहुल गांधी पर सीधा हमला सिंह ने आगे कहा, "राहुल गांधी सद्भावना खत्म कर रहे हैं। वह जो आग फैला रहे हैं, उसे शांत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'सबका साथ, सबका विकास' का सिद्धांत ही पर्याप्त है।" उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि राहुल गांधी खुद को दलितों और पिछड़ों के समर्थन में खड़ा करने की बजाय, कांग्रेस पार्टी में इन समुदायों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व क्यों नहीं दे पाए। सस्ती लोकप्रियता पर आरोप दिनेश प्रताप सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी अपने बयानों से "सस्ती लोकप्रियता" हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के 1991 से 2022 तक के रिकॉर्ड का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में दलितों और पिछड़ों को ठीक से प्रतिनिधित्व नहीं दिया। "राहुल गांधी, आप वायनाड से किसी दलित या पिछड़े को उम्मीदवार बना सकते थे, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया," उन्होंने कहा। राहुल गांधी के लिए प्रार्थना सिंह ने अंत में राहुल गांधी के लिए ईश्वर से प्रार्थना की कि उन्हें सद्बुद्धि मिले और वह देश की गरिमा को गिराने वाली राजनीति से बचें। उनका कहना था कि राहुल गांधी को "अपमानित" होने से बचने के लिए अपने बयानों को सोच-समझकर देना चाहिए। नागपुर के बयान से उठा सियासी तूफान राहुल गांधी का नागपुर में दिया गया यह बयान अब राजनीतिक गलियारों में तूफान मचा चुका है, और दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सियासी घमासान का आगे क्या असर होता है। |
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