गोरखपुर में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ₹9.89 करोड़ की लागत से बने अत्याधुनिक गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन का उद्घाटन करते हुए न केवल स्वच्छता और तकनीकी विकास को बढ़ावा देने का संदेश दिया, बल्कि प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि 2017 से पहले की सरकारें सिर्फ जातिवाद, तुष्टीकरण और परिवारवाद तक सीमित थीं, जबकि अब राज्य जनसेवा, तकनीकी नवाचार और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) के तहत विकसित इस स्टेशन की क्षमता प्रतिदिन 200 टन ठोस कचरे के वैज्ञानिक निस्तारण की है, जो शहर के 40 वार्डों को कवर करेगा। यह स्टेशन न केवल कचरे को प्रोसेसिंग यूनिट तक सीधे ट्रांसफर करने की सुविधा देगा, बल्कि शहर की सड़कों को गंदगी और दुर्गंध से भी मुक्त करेगा। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर प्रदेश में चल रही स्मार्ट लाइटिंग, वेस्ट-टू-एनर्जी और निर्माण अपशिष्ट से टाइल्स बनाने की योजनाओं का भी उल्लेख किया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2070 तक नेट ज़ीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में निर्णायक कदम हैं। कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने 15 उत्कृष्ट सफाईकर्मियों को सम्मानित किया, महिलाओं की गोदभराई और बच्चों के अन्नप्राशन संस्कार में भाग लिया, और एक सफाईकर्मी की विधवा को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी सौंपी। उन्होंने इस पहल को गोरखपुर को एक ‘ग्रीन और स्मार्ट सिटी’ में बदलने की दिशा में ऐतिहासिक क्षण बताया, साथ ही संकेत दिया कि प्रदेश के अन्य नगर निकायों में भी इसी तरह के ट्रांसफर स्टेशन और डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किए जाएंगे, जिससे उत्तर प्रदेश शहरी स्वच्छता के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन सकेगा।
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