पूर्व आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह की मुश्किलें बढ़ी, सुपरटेक ट्विन टावर और स्मारक घोटाले में पूछताछ के लिए विजिलेंस विभाग ने नोटिस जारी किया। जानें इन मामलों में उनकी भूमिका और आगे क्या कदम उठाए जाएंगे।
नोएडा के चर्चित सुपरटेक ट्विन टावर और स्मारक घोटाले में पूर्व आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। विजिलेंस विभाग ने उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है और अगले सप्ताह पेश होने के लिए कहा है। इस दौरान, उनके खिलाफ चल रहे अन्य मामलों के साथ-साथ सुपरटेक और स्मारक घोटाले में उनकी भूमिका की गहन जांच की जाएगी।
सुपरटेक मामले में क्या हैं आरोप?
सुपरटेक ट्विन टावर मामले में नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों और सुपरटेक बिल्डर के बीच मिलीभगत के आरोप सामने आए हैं। 2021 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज की, जिसमें मोहिंदर सिंह सहित 30 अन्य लोगों को नामजद किया गया था। आरोप है कि नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने बिल्डर को अनुचित लाभ देने के लिए नियमों का उल्लंघन किया और अवैध निर्माण को नजरअंदाज किया। सुप्रीम कोर्ट ने इन आरोपों को गंभीर मानते हुए टावर टी-16 और टी-17 को ध्वस्त करने का आदेश दिया और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
मोहिंदर सिंह पर अन्य आरोप
सुपरटेक मामले के अलावा, मोहिंदर सिंह पर स्मारक घोटाले और हैसिंडा आवंटन घोटाले में भी संलिप्तता के आरोप हैं। स्मारक घोटाले में करोड़ों रुपये के अनियमित खर्च और भ्रष्टाचार के मामलों का खुलासा हुआ था। अब विजिलेंस विभाग इन सभी मामलों में उनकी भूमिका की विस्तृत जांच करेगा।
विजिलेंस का सख्त रुख
विजिलेंस विभाग ने स्पष्ट संकेत दिया है कि यदि जांच में मोहिंदर सिंह दोषी पाए जाते हैं, तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए जांच प्रक्रिया को तेज़ किया गया है, और अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है।
अब, मोहिंदर सिंह के सामने इन गंभीर आरोपों का जवाब देने का बड़ा मौका है, और उनकी किस्मत का फैसला आगामी पूछताछ पर निर्भर करेगा।