गाजीपुर के हथियाराम मठ में आयोजित ‘राष्ट्रीय एकता एवं सामाजिक समरसता विषयक प्रबुद्धजन संवाद संगम’ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब तक भारत का नागरिक अपनी आध्यात्मिकता और राष्ट्रीयता के भाव से कार्य करेगा, तब तक देश को विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता।
गाजीपुर के सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ परिसर में आयोजित ‘राष्ट्रीय एकता एवं सामाजिक समरसता विषयक प्रबुद्धजन संवाद संगम’ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की पहचान उसकी आध्यात्मिक चेतना और राष्ट्रीय एकता में निहित है। उन्होंने कहा कि जब नागरिक अपनी आस्था और कर्म को राष्ट्रहित से जोड़ते हैं, तभी भारत विश्वगुरु बनता है।
सीएम ने कहा कि राम मंदिर निर्माण केवल धार्मिक नहीं, बल्कि भारत की आत्मा के पुनर्जागरण का प्रतीक है। 2020 में शिलान्यास से लेकर 2024 में भगवान श्रीराम के गर्भगृह में विराजमान होने तक की यात्रा भारत की आस्था और एकता की मिसाल है। उन्होंने बताया कि अयोध्या के चार द्वारों का नाम चार प्रमुख आचार्यों — शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, रामानंदाचार्य और माधवाचार्य — के नाम पर रखा गया है।

योगी ने कहा कि भारत दक्षिण से उत्तर तक एक ही आध्यात्मिक सूत्र में बंधा हुआ है। मठ-मंदिर न केवल उपासना स्थल हैं बल्कि राष्ट्र की एकता और सामाजिक समरसता के केंद्र हैं। उन्होंने वीर अब्दुल हमीद और महावीर चक्र विजेता राम उग्रह पांडेय के परिजनों को सम्मानित करते हुए कहा कि गाजीपुर की धरती वीरों की भूमि है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने जो कहा, वही किया। गाजीपुर को पर्यटन और अध्यात्म केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। कार्यक्रम में सीएम ने परमपूज्य ब्रह्मलीन श्री महंत रामाश्रय दास जी की प्रतिमा का अनावरण और वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
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