उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत आयोजित प्रवेश परीक्षा में 450 से अधिक अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। यह योजना संस्कृत साहित्य को वैकल्पिक विषय चुनने वाले सिविल सेवा अभ्यर्थियों को निःशुल्क शिक्षा, छात्रवृत्ति और समग्र तैयारी उपलब्ध कराती है।
उत्तर प्रदेश भाषा विभाग के अधीन उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा संचालित सिविल सेवा परीक्षा योजना की प्रवेश परीक्षा रविवार को बाबूगंज स्थित रामाधीन इंटर कॉलेज में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। इस परीक्षा में लगभग 450 अभ्यर्थी शामिल हुए, जबकि 850 से अधिक छात्रों ने आवेदन किया था।
योगी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ केवल उन्हीं छात्रों को मिलता है, जो सिविल सेवा परीक्षा में संस्कृत साहित्य को वैकल्पिक विषय के रूप में चुनते हैं। चयनित छात्रों को निःशुल्क शिक्षा, अध्ययन सामग्री और ₹3,000 मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इसके साथ ही, ऑनलाइन क्लास, टेस्ट सीरीज़ और साक्षात्कार तक की संपूर्ण तैयारी भी कराई जाती है।

2019 से संचालित इस योजना के अंतर्गत अब तक छह सत्र पूरे हो चुके हैं और सातवें सत्र के लिए यह परीक्षा आयोजित की गई। योजना के संयोजक डॉ. शीलवन्त सिंह के अनुसार अब तक 4 छात्र IAS, 22 PCS और 43 छात्र अन्य प्रशासनिक सेवाओं में चयनित हो चुके हैं। कुल मिलाकर 69 छात्र सफलता प्राप्त कर चुके हैं।
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी दिनेश मिश्र ने बताया कि इस योजना ने न सिर्फ यूपी बल्कि देशभर के छात्रों को आकर्षित किया है। इस वर्ष परीक्षा में 18 राज्यों के अभ्यर्थी शामिल हुए, जिनमें पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, राजस्थान, झारखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु विशेष रूप से शामिल हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि योगी सरकार की यह पहल सिविल सेवा अभ्यर्थियों के बीच संस्कृत विषय को लेकर नई उम्मीद और आकर्षण पैदा कर रही है।
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