यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के सख्त रुख और
आदेश के
बाद टप्पल क्षेत्र में
अवैध रूप
से काटी जा रही
कॉलोनियों पर
बड़ी कार्रवाई की गई
है। प्राधिकरण के
मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री अरुण वीर सिंह के निर्देशों के
अनुपालन में
गुरुवार को
क्षेत्रीय प्रशासन और प्राधिकरण की
संयुक्त टीम
ने बड़ा बुलडोजर अभियान चलाया। इस अभियान का नेतृत्व विशेष कार्याधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी श्री शैलेन्द्र कुमार सिंह ने किया। उनके साथ उप जिलाधिकारी खैर, प्राधिकरण के महाप्रबंधक प्रोजेक्ट, भूलेख विभाग के अधिकारी, पुलिस बल और राजस्व विभाग की टीम मौजूद रही। इस सघन अभियान में 15 भारी भरकम जेसीबी मशीनों का उपयोग करते हुए कुल 25 अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त किया गया।

250 करोड़ की सरकारी जमीन पर था अवैध कब्जा
प्राधिकरण द्वारा जारी बयान के अनुसार, इन कॉलोनियों को बिना किसी वैध स्वीकृति और विकास योजना के विकसित किया जा रहा था। जमीन सरकारी थी और इन पर बिल्डरों और भूमाफियाओं द्वारा अवैध कब्जा कर प्लॉट काटकर लोगों को बेचा जा रहा था। इस अभियान के तहत लगभग 250 करोड़ रुपये मूल्य की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराकर वापस प्राधिकरण के नियंत्रण में ले लिया गया है।
कॉलोनियों में नहीं थे बुनियादी विकास कार्य
प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, अवैध कॉलोनियों में किसी भी प्रकार की मूलभूत सुविधा जैसे सड़क, नाली, बिजली, पानी, सीवरेज आदि की व्यवस्था नहीं थी। इन कॉलोनियों को विकसित करने वाले लोग नियमों की अनदेखी कर सीधे ही प्लॉट बेच रहे थे। इससे भविष्य में निवासियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता, साथ ही सरकार को भी बड़ी राजस्व हानि होती।
पूरी कार्रवाई पुलिस बल की मौजूदगी में शांतिपूर्वक संपन्न
अभियान के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। जिला प्रशासन ने पहले ही संभावित विरोध की आशंका को देखते हुए विशेष सुरक्षा प्रबंध किए थे। कार्रवाई के दौरान किसी प्रकार का विरोध या हिंसा नहीं हुई और पूरे अभियान को शांतिपूर्वक अंजाम दिया गया।

बुलडोजर अभियान हर मंगलवार को होगा जारी
अपर जिलाधिकारी श्री शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि प्राधिकरण की ओर से यह स्पष्ट निर्देश हैं कि प्रत्येक मंगलवार को अवैध कॉलोनियों के विरुद्ध बुलडोजर अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अवैध कॉलोनियों में प्लॉट न खरीदें और केवल प्राधिकृत कॉलोनियों या सरकारी योजनाओं के अंतर्गत आने वाले भूखंडों की ही खरीद करें। उन्होंने कहा, "किसी भी व्यक्ति को धोखे में न रहें। अवैध रूप से प्लॉट बेचने वाले लोग आपको ठग सकते हैं। ऐसी संपत्ति पर कोई कानूनी हक नहीं होगा और भविष्य में आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।"
भूमाफियाओं की सूची तैयार, कड़ी कार्रवाई की तैयारी
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों ने इन अवैध कॉलोनियों की बिक्री की है, उनकी पहचान की जा रही है। जल्द ही उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। भूमाफियाओं के खिलाफ FIR दर्ज कर उन्हें सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। साथ ही इन पर आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है।
जनहित में सूचना: अवैध कॉलोनियों से बचें
प्राधिकरण की ओर से नागरिकों को बार-बार चेताया गया है कि वे प्लॉट खरीदने से पहले प्राधिकरण की वेबसाइट या कार्यालय से उस कॉलोनी की वैधता की जानकारी जरूर प्राप्त करें। कोई भी भूमि क्रय करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि वह प्राधिकरण से स्वीकृत है या नहीं। कई बार लोग कम कीमत और सुनहरे सपनों के चक्कर में ऐसी जमीन खरीद लेते हैं, जो बाद में अवैध साबित होती है और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

CM योगी के 'भूमाफिया मुक्त उत्तर प्रदेश' के संकल्प की ओर एक और कदम
यह अभियान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भूमाफियाओं और अवैध निर्माणों के विरुद्ध चलाए जा रहे सशक्त अभियान का ही हिस्सा है। 'भूमाफिया मुक्त उत्तर प्रदेश' के विजन को साकार करने में प्राधिकरण लगातार सक्रिय भूमिका निभा रहा है। इससे पूर्व भी ग्रेटर नोएडा और दादरी क्षेत्र में इस तरह की कार्रवाइयां की जा चुकी हैं।
भविष्य की योजनाएं: खाली कराई गई जमीन पर होगा विकास कार्य
प्राधिकरण के अनुसार, अब अतिक्रमण से मुक्त कराई गई भूमि पर योजनाबद्ध ढंग से औद्योगिक या आवासीय परियोजनाएं विकसित की जाएंगी। इससे न केवल राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि क्षेत्र में नियोजित विकास भी सुनिश्चित होगा। साथ ही क्षेत्रीय नागरिकों को बेहतर मूलभूत सुविधाएं और संरचित वातावरण प्राप्त होगा।

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