उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक (DGP) की नियुक्ति को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए सवाल किया कि क्या फिर से बिना जवाबदेही वाले कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने पुलिस भर्ती की 'आउटसोर्सिंग' पर भी चिंता जताई। भाजपा ने अखिलेश पर पलटवार करते हुए कहा कि उनकी सरकार में भी कई बार फैसलों में अस्थिरता रही। योगी सरकार ने डीजीपी चयन के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाई है, और अब डीजीपी का कार्यकाल दो साल का होगा।
DGP नियुक्ति पर विवाद: यूपी पुलिस के नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला करते हुए सवाल किया कि क्या यूपी सरकार एक और कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त करेगी या इस बार स्थायी डीजीपी बनाएगी।
आउटसोर्सिंग पर आरोप: अखिलेश यादव ने पुलिस भर्ती को लेकर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि योगी सरकार पुलिस सेवाओं को आउटसोर्स करने की योजना बना रही है, जिससे पुलिस की जवाबदेही और संवेदनशीलता पर असर पड़ेगा। उन्होंने तंज करते हुए यह भी कहा कि कहीं सरकार खुद ही आउटसोर्स न हो जाए।
BJP का पलटवार: भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने अखिलेश यादव के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि अखिलेश अपने कार्यकाल में बहुत असफल रहे हैं और उन्हें अपनी सरकार की असफलताओं को याद करके वर्तमान सरकार पर आरोप लगाने की आदत बन गई है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार लोकतांत्रिक तरीके से काम करती है, और मंत्रीमंडल तथा संगठन से सलाह-मशविरा करने के बाद ही फैसले लिए जाते हैं।
नई व्यवस्था का प्रस्ताव: योगी सरकार ने अब यूपी में डीजीपी की नियुक्ति के लिए एक नई व्यवस्था की शुरुआत की है। अब यूपीएससी को पैनल नहीं भेजा जाएगा, बल्कि एक उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा डीजीपी का चयन किया जाएगा। इसके साथ ही डीजीपी का कार्यकाल अब दो साल का होगा।
सुप्रीम कोर्ट से नई पहल: इस कदम से यूपी देश का दूसरा राज्य बनेगा, जहां डीजीपी की नियुक्ति में इस तरह की व्यवस्था लागू की जा रही है। पहले डीजीपी की नियुक्ति के लिए यूपीएससी से पैनल भेजा जाता था, अब यह प्रक्रिया राज्य सरकार द्वारा तय की जाएगी।
मुकुल गोयल और अन्य के नाम: डीजीपी पद के लिए सीनियर अधिकारियों में मुकुल गोयल, आनंद कुमार और विजय कुमार का नाम सबसे आगे चल रहा है। मुकुल गोयल का नाम पहले भी चर्चित था, लेकिन उनके हटाए जाने के बाद से यूपी में स्थायी डीजीपी की नियुक्ति में अनिश्चितता बनी हुई है।
आने वाली चुनौती: कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा इस महीने रिटायर हो रहे हैं, और उनके बाद यूपी पुलिस को स्थायी डीजीपी की तलाश है। ऐसे में राजनीति और प्रशासन दोनों में ही इस नियुक्ति को लेकर अहम सवाल उठ रहे हैं।