छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने एक बार फिर अपनी बर्बरता का परिचय दिया। कुटरू मार्ग पर सोमवार को नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के पिकअप वाहन को विस्फोटक से उड़ा दिया, जिससे आठ जवानों के शहीद होने की खबर आई है। यह हमला उस वक्त हुआ, जब जवान नारायणपुर में मुठभेड़ के बाद लौट रहे थे। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि मौके पर अफरातफरी मच गई, और सुरक्षाबलों के लिए घटनास्थल तक पहुंचना आसान नहीं था।
हादसा बीजापुर जिले के कुटरू–बेदरे मार्ग के पास अमेली के नजदीक हुआ। रविवार को नारायणपुर में नक्सलियों से हुई मुठभेड़ के बाद, थके-हारे जवान पिकअप वाहन में सवार होकर वापस लौट रहे थे। वाहन में 20 जवान सवार थे, लेकिन विस्फोट के बाद बुरी तरह से फंसी हुई स्थिति में केवल आठ जवानों के शहीद होने की पुष्टि हुई है।
घटना के बाद, बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव के नेतृत्व में एक टीम तुरंत घटनास्थल की ओर रवाना कर दी गई, और जवानों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव अभियान शुरू कर दिया गया। इस हमले में शहीद हुए जवानों में से एक, प्रधान आरक्षक सन्नू कारम का नाम भी सामने आया है। सन्नू कारम, जिन्होंने पहले नक्सलियों के सामने आत्मसमर्पण किया था, 2019 में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) से जुड़कर कई मुठभेड़ों में हिस्सा लिया था। उनकी बहादुरी की यह एक और मिसाल बन गई।
इस घटना से पहले, बीजापुर जिले में एक और बड़ी मुठभेड़ हुई थी, जिसमें नक्सलियों के पांच शव बरामद किए गए थे, और अब तक इस अभियान में दो महिला सहित पांच नक्सली मारे जा चुके हैं। पुलिस का मानना है कि ये नक्सली दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) के वरिष्ठ सदस्य थे।
नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का ऑपरेशन तेज़ हो चुका है, जिसमें चार जिलों—दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बस्तर, और कोंडागांव—की जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की संयुक्त टीमें जुटी हैं। घटनास्थल से अत्याधुनिक हथियार भी बरामद किए गए हैं, जिनसे साफ संकेत मिलते हैं कि नक्सलियों का यह हमला बेहद योजनाबद्ध था।
यह हमला सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ा संदेश है, कि नक्सली अब किसी भी हद तक जा सकते हैं। परंतु सुरक्षाबलों की निडरता और साहस नक्सलियों के इस कायराना हमले को नाकाम करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
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