फिरोजाबाद के आकाश हॉस्पिटल में प्रसव के बाद एक महिला की मौत ने इलाके में हड़कंप मचा दिया। परिजनों ने अस्पताल में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को सील कर दिया। यह तीसरी मौत है जो इस अस्पताल में हुई है, बावजूद इसके अस्पताल का संचालन बिना किसी रोक-टोक के जारी रहता है। जानें इस घटना की पूरी कहानी और कैसे स्वास्थ्य विभाग ने अपनी कार्रवाई शुरू की।
फिरोजाबाद के आकाश हॉस्पिटल में फिर एक गर्भवती महिला की प्रसव के बाद मौत ने अस्पताल की साख को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। यह घटना अस्पताल के अंदर की अव्यवस्थाओं और लापरवाही को उजागर करने वाला एक और मामला बनकर सामने आई है। यह तीसरी बार है जब इस अस्पताल में एक के बाद एक मौतें हो चुकी हैं, लेकिन अस्पताल के मालिक द्वारा नाम बदलकर इसे फिर से संचालित किया जाता है।
क्यों उठे सवाल?
आकाश हॉस्पिटल के भीतर कोई भी प्रशिक्षित डॉक्टर या नर्स नहीं है, और यह गंभीर आरोप है कि अस्पताल के मालिक ही खुद डिलीवरी ऑपरेशन और अन्य गंभीर मेडिकल प्रक्रियाएं करते हैं। जबकि अस्पताल के बाहर डॉक्टर के नाम से बड़े-बड़े बोर्ड लगे होते हैं, लेकिन अंदर किसी तरह की चिकित्सा व्यवस्था की कोई गारंटी नहीं है। यही कारण है कि लगातार मौतों का सिलसिला जारी है, और परिजन भी अब सवाल उठाने लगे हैं कि आखिर कब तक ऐसे अवैध अस्पताल खुले रहेंगे और मरीजों की जान जोखिम में डाली जाएगी?
क्या हुआ उस दिन?
घटना थाना रामगढ़ क्षेत्र के बंबा बाईपास स्थित आकाश हॉस्पिटल की है। परिजनों के मुताबिक, एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। महिला पूरी तरह से स्वस्थ थी और उसने अस्पताल में अपने परिवार के साथ बैठकर नाश्ता भी किया था। लेकिन कुछ देर बाद महिला की हालत बिगड़ गई, और अचानक खून बहने के कारण उसकी स्थिति गंभीर हो गई। अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे आगरा रेफर कर दिया, जहां डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया।
मौत के बाद क्या हुआ?
परिजन शव लेकर वापस आकाश हॉस्पिटल पहुंचे और वहां हंगामा किया। हंगामे की सूचना पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तुरंत अस्पताल को सील कर दिया, जबकि डॉक्टर और अन्य कर्मचारी मौके से फरार हो गए। यह पूरी घटना एक बड़ा सवाल उठाती है कि जब तक इस तरह के अवैध अस्पताल संचालित होते रहेंगे, तब तक कितनी और जानें जाएंगी?

सवाल उठते हैं:
- क्या अस्पतालों के लिए सख्त जांच और निगरानी की जरूरत नहीं है?
- कब तक ऐसे अस्पताल बिना किसी रोक-टोक के मरीजों की जान खतरे में डालते रहेंगे?
- और सबसे अहम सवाल: क्या कभी इन मौतों का सिलसिला रुकेगा?
यह घटना न केवल इस अस्पताल के संचालन पर सवाल उठाती है, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था की कमजोरियों को भी उजागर करती है, जिसे तत्काल सुधारने की आवश्यकता है।
COMMENTS