पटना, 2 जनवरी 2025: बिहार के बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर ने रविवार को राजनीति और युवाओं के मुद्दे पर एक नया मोर्चा खोल दिया। चार दिनों से आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर ने अपनी आवाज बुलंद करते हुए बिहार के नेताओं से एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव समेत तमाम विपक्षी नेताओं को गांधी मैदान में एक मंच पर बुलाया और कहा, "तेजस्वी यादव हों या राहुल गांधी, सभी का स्वागत है!"
"यह आंदोलन सिर्फ बीपीएससी छात्रों का नहीं, बिहार की पूरी व्यवस्था परिवर्तन का है!"
प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ बीपीएससी छात्रों का संघर्ष नहीं है, बल्कि यह आंदोलन बिहार की पूरी व्यवस्था को बदलने का है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन अब युवाओं की ताकत बन चुका है, जो अब बिहार के किसानों, शोषितों और वंचितों की आवाज भी उठाएंगे। यह आंदोलन किसी राजनीतिक दल से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह बिहार के युवाओं का आंदोलन है, जो बिना किसी डर के अपनी बात रख रहे हैं।
युवा सत्याग्रह समिति का गठन:
बिहार में हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए छात्र संगठनों ने मिलकर 'युवा सत्याग्रह समिति' का गठन किया। यह समिति बिहार के युवाओं और छात्रों के हक में काम करने का वादा करती है। 51 सदस्यीय इस समिति का गठन बिहार के विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े छात्र नेताओं ने किया है, जो अब युवाओं के हक के लिए एकजुट हो चुके हैं।
प्रशांत किशोर का अपील:
प्रशांत किशोर ने मंच से कहा, "यह आंदोलन किसी एक व्यक्ति या दल का नहीं, बल्कि बिहार के हर युवा का है। अगर कोई युवा नेता इस आंदोलन के समर्थन में आता है, तो उन्हें हम खुला आमंत्रण देते हैं। चाहे वह राहुल गांधी हों या तेजस्वी यादव, सभी का स्वागत है!" उन्होंने आगे कहा कि यह आंदोलन अब सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ एक जन आंदोलन बन चुका है।
"हमारा संघर्ष जारी रहेगा, जब तक न्याय नहीं मिलता!"
प्रशांत किशोर ने कहा कि बीपीएससी छात्रों का आंदोलन अब सिर्फ परीक्षा रद्द करने की मांग तक सीमित नहीं रह गया है। यह बिहार में भ्रष्टाचार, नौकरशाही और प्रशासनिक ढांचे में बदलाव की मांग बन चुका है। युवाओं ने यह साबित कर दिया है कि अब वे डरने वाले नहीं हैं। उनका संघर्ष अब पूरे बिहार के शोषित वर्ग के लिए है।
तेजस्वी यादव पर निशाना:
जब मीडिया ने तेजस्वी यादव के आरोपों का सवाल पूछा, तो प्रशांत किशोर ने मुस्कुराते हुए कहा, "जब तक कोई व्यक्ति युवाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठा रहा है, तब तक मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह मुझसे क्या कहता है।" प्रशांत किशोर ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे एकजुट होकर बिहार की व्यवस्था को बदलने की दिशा में काम करें।
क्या है मामला?
गौरतलब है कि बीपीएससी के छात्र 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, जिसका विरोध करते हुए 4 जनवरी को एक केंद्र की परीक्षा रद्द की गई थी। छात्रों ने इस परीक्षा के परिणामों को लेकर असंतोष व्यक्त किया है और सभी केंद्रों की परीक्षा रद्द करने की मांग की है। प्रशांत किशोर का यह आंदोलन अब युवाओं की लड़ाई बन चुका है, जो लगातार अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ संघर्षरत हैं।
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